हैदर के हौंसले बुलंद, हाथों की जगह पैरों से लिख रहा अपना नसीब

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फर्रुखाबाद–फर्रुखाबाद जिले में एक ऐसा युवा है जो कि हाथों से पूर्ण रूप से विकलांग होने के बावजूद जज बनने के लिए पढ़ाई कर रहा है।हैदर ने अपने माता पिता व बड़ी बहन की हौसलाफजाई के बाद हाथ खराब होने की वजह से पैरों से लिखना पढ़ना शुरू किया।

उसके बाद लगातार मेहनत करने के बाद ग्रेजुएशन कम्प्लीट करने के बाद अपने मोहल्ले के लगभग 150 बच्चो को पढा रहा है।उसके साथ खुद जज बनने के लिए एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है। शहर के बाहर गरीबो के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई कांशीराम कालोनी के रहने वाले हैदर अपना आइडियल एपीजे अब्दुल कलाम के साथ पिता को मानते है उन्ही की शिक्षा कीवजह से हैदर आज बच्चो की जेल में जाकर अपराधी बच्चो को पढ़ाकर उनको सुधारने का काम कर रहा है।हैदर का कहना है कि कक्षा 8 तक कि किताबे सरकार दे रही है लेकिन हम कक्षा 9 से 12 तक किताबे गरीब बच्चों को देते है ताकि वह अपनी पढ़ाई जारी रख सके।

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हैदर हाथों से विकलांग जरूर है लेकिन वह अपने पैरों से ही अपने सभी दैनिक कार्यो को करते है जैसे लिखना,लैपटॉप चलाना,चाय पीने से लेकर भोजन तक पैरों से करते है।लिखाई में मास्टर है कोई व्यक्ति हाथों से जितना फ़ास्ट नही लिख सकता जितना कि हैदर पैरों से लिखते है। हैदर की बड़ी बहन गजाला अधिवक्ता है। वह अपने भाई को इसलिए आगे बढ़ा रही ताकि कोई यह न कहे सके कि विकलांग सिर्फ भीख मांग सकता है और कुछ नही कर सकता। इन्ही बातों को लेकर उसको अपने पैरों पर खड़ा होने का हुनर दिलाया जा रहा है।उसकी काबलियत के सभी कायल है। वही पिता इस्लाम को अपने बेटे हैदर पर नाज है ।

हाथों से विकलांग हैदर का कहना है मै वह काम करके दिखाऊंगा जिससे जो लोग शरीर से स्वस्थ होने के बावजूद भी सड़को रेलवे स्टेशनों पर भीख मांगते दिखाई देते है।यदि इंसान कुछ कर गुजरने की मन मे ठान ले तो अपंगता उसके काम मे बाधा नही बन सकती है।घर पर बच्चो को इसलिए पढ़ाना शुरू किया ताकि इस कालोनी की गलियों में कंच्चे खेलने वाले पढ़ाई कर सके।जज इसलिए बनना चाहते है जिससे जिन गरीबो को न्याय नही मिल पाता है उनको न्याय दिला सके।

(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)

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