एक मंदिर ऐसा जहां दर्शन के लिए पुरुषों को करना पड़ता है सोलह श्रृंगार

हर साल बढ़ती है मां की प्रतिमा ,पुरुष को तभी प्रवेश दिया जाता है जब वह स्‍त्री की ही तरह 16 श्रृंगार करके आता है

0 134

न्यूज डेस्क — हमारे देश में मंदिरों को लेकर अनेक मान्‍यताएं हैं। इन मान्यताओं का हिस्दुस्तान के लोग पूरी श्रद्धा के साथ अनुसरण भी करते हैं।भारत में मंदिरों को लेकर कई अजीबो-गरीब मान्यताएं है। यहां ऐसे भी मंदिर है जहां ढाई प्‍याला शराब को चढ़ाने, उम्र की युवतियों को जाने पर पाबंदी होती है। लेकिन हम यहां पर एक ऐसे मंदिर के बारे बता रहे हैं जिसकी मान्यता बेहद चौंकाने वाली है…

Image result for एक मंदिर ऐसा जहां दर्शन के लिए पुरुषों को करने पड़ते हैं श्रृंगार

दरअसल केरल के कोल्लम में एक अद्भुत मंदिर है, जहां एक बेहद अनोखी परंपरा है। कोट्टनकुलंगरा देवी का ये विशेष मंदिर केरल के कोल्‍लम जिले में स्‍थापित है। इस मंदिर में पूजा करने का विशेष नियम ये है कि किसी भी पुरुष को तभी प्रवेश दिया जाता है जब वह स्‍त्री की ही तरह 16 श्रृंगार करके आता है।

Image result for एक मंदिर ऐसा जहां दर्शन के लिए पुरुषों को करने पड़ते हैं श्रृंगार

कई बरस पुरानी है मंदिर की परंपरा 

गौरतलब है कि मंदिर में किसी एक या दो श्रृंगार करने से भी प्रवेश नहीं मिलता है, इसमें प्रवेश के लिए पूरे 16 श्रृंगार करने का सख्‍त नियम है। कई बरस पुरानी है 16 श्रृंगार की यह अनोखी परंपरा मंदिर में पुरुषों के लिए देवी की आराधना करने के लिए है।

Related News
1 of 556

मंदिर में हर साल ‘चाम्‍याविलक्‍कू पर्व’ का विशेष आयोजन किया जाता है। इस दिन यहां पर हजारों की संख्‍या में पुरुष 16 श्रृंगार करके पहुंचते हैं। वैसे तो पुरुष बाहर से ही 16 श्रृंगार करके आते हैं। लेकिन यदि कोई दूसरे शहर से आया है। या बाहर से मेकअप करके नहीं आया है तो उसके लिए मंदिर में ही व्‍यवस्‍था की गई है।

Image result for एक मंदिर ऐसा जहां दर्शन के लिए पुरुषों को करने पड़ते हैं श्रृंगार

मां, पत्नी, बहन भी करती हैं श्रृंगार में मदद

बता दें कि मंदिर परिसर में ही मेकअप रूम है। जहां पुरुष 16 श्रृंगार कर सकते हैं। इसमें लड़के की मां, पत्नी, बहन भी मदद करती हैं। माना जाता है कि यहां आराधना करने से मुरादे पूरी होती है।लिहाजा काफी संख्या में पुरुष यहां महिलाओं के वेश में पहुंचते हैं। साथ ही मां की आराधना करके उनसे मनोवांछित नौकरी और पत्‍नी का आर्शीवाद प्राप्‍त करते हैं।

हर साल बढ़ती है मां की प्रतिमा 

इसके अलावा यह केरल प्रांत का ये इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसके गर्भगृह के ऊपर किसी भी प्रकार की कोई भी छत नहीं है। जानकारों के मुताबिक वर्षों पहले कुछ चरवाहों ने मंदिर के स्‍थान पर ही महिलाओं की तरह कपड़े पहनकर पत्‍थर पर फूल चढ़ाए थे। इसके बाद पत्‍थर से शक्ति का उद्गम हुआ। धीरे-धीरे आस्‍था बढ़ती ही चली गई और इस जगह को मंदिर में परिवर्तित कर दिया गया। मंदिर को लेकर एक और कथा प्रचलित है कि हर साल मां की प्रतिमा कुछ इंच तक बढ़ जाती है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...
busty ebony ts pounding studs asshole.anal sex

 

 

शहर  चुने 

Lucknow
अन्य शहर