…तो महाराष्ट्र में भाजपा ने शिवसेना और कांग्रेस को ऐसे दी पटखनी

बैकडोर से हुआ बड़ा खेल.

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महाराष्ट्र–महाराष्ट्र से आज सुबह पांच बजकर 47 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटाया गया। शनिवार सुबह करीब 8 बजे जब लोगों ने देवेंद्र फडणवीस को शपथ लेते देखा तो हर कोई हैरान रह गया।

फडणवीस के बाद टीवी स्क्रीन पर एनसीपी के नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार भी शपथ लेते दिखे। थोड़ी देर बाद पीएम मोदी के ट्वीट ने ये साफ कर दिया कि महाराष्ट्र में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बन गई है। बीजेपी कुछ बड़ा करने जा रही है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगना शुरू हो गया था जब अचानक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया था।

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बैकडोर से हुआ खेलः

सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी होने से पहले दोनों दलों ने मीडिया और कांग्रेस-शिवसेना का ध्यान दूसरी तरफ रखा, जिससे जब तक सरकार बनाने का रोडमैप पूरी तरह फाइनल न हो जाए इसकी भनक किसी को न लगे।

सूत्रों की मानें तो एक ओर जहां एनसीपी शिवसेना के साथ लगतार सरकार बनाने की कोशिश कर रही थी, वहीं अजित पवार लगातार शरद पवार पर बीजेपी को समर्थन देने का दबाव बनाए हुए थे। ऐसे में 22 नवंबर की रात अजित पवार को लगने लगा कि शरद पवार बीजेपी के साथ जाने को तैयार नहीं हैं और शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनेगी। इसके बाद आनन-फानन में अजित पवार ने पार्टी तोड़ने का फैसला कर लिया। जिसके बाद भजपा ने एमसीपी और कांग्रेस को पटखनी देते हुए अपनी सरकार बना ली।

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