परशुराम जयंती आज, श्रीहरि के इस अवतार से थर-थर कांपते थे देवता

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न्यूज डेस्क– मान्यता है कि कलयुग में भी ऐसे 8 चिरंजीव देवता और महापुरुष हैं जो जीवित हैं। इन्हीं 8 महापुरषों में एक भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम हैं, जिनती जयंती अक्षय तृतीया के दिन मनाई जाती है।

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7 मई को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया है। इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है।  इस दिन मांगलिक कार्य, मुंडन, शादी विवाह, बहू का प्रथम बार चौका छूना, दुकान की ओपनिंग व्यापार का प्रारंभ और सारे शुभ कार्य किए जाते हैं। अक्षय तृतीया सुबह 5 बज कर 40 मिनट से प्रारम्भ होगी और रात्रि 13 बजकर 17 मिनट तक इसका मुहूर्त रहेगा। प्राचीन समय में इसी तिथि पर भगवान विष्णु के अवतार परशुराम का जन्म हुआ था। ऋषि जमदग्नि और रेणुका परशुराम के माता-पिता थे। परशुराम भगवान शिव के अनन्य भक्त थे। ये दिन रात शिव जी की पूजा करते थे। शिवजी परशुराम की पूजा से अधिक प्रसन्न रहते थें। ऐसा माना जाता है कि इन्होंने धरती पर 21 बार क्षत्रियों का संहार किया था। मान्यता है कि इसी दिन से सतयुग की शुरुआत हुई थी। 

एक बार परशुराम ने क्रोध में आकर भगवान गणेश का एक दांत तोड़ दिया था। इसके अलावा भी कई ऐसी घटनाएं हैं जिनमें परशुराम के क्रोध की कहानियां मिलती हैं।कहा जाता है कि इनके क्रोध से सभी देवी-देवता भयभीत रहा करते थे।

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