2019 के ऐलान-ए-जंग से पहले खतरे में ‘ब्रांड मोदी’!
न्यूज डेस्क — हिन्दी बेल्ट के तीन बड़े राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को मिली करारी हार को ‘ब्रांड मोदी’ के लिए झटका माना जा रहा है। कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव होना है,
ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इन चुनावों को एक लिटमेस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा था। और इस टेस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही सबसे बड़े सिकंदर साबित हुए।बीजेपी गुजरात में तो 25 साल के राज के बाद भी किसी तरह बच गई थी और फिर से सरकार बनाने में कामयाब रही। लेकिन छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में ऐसा नहीं हो सका, जहां 15-15 साल के राज को बचाए रखना बड़ा चैलेंज था।
छत्तीसगढ़ में तो बीजेपी का सफाया हो गया, मध्य प्रदेश में टक्कर रही। राजस्थान में वसुंधरा राजे भी 5 साल का राज बचा नहीं पाईं। लेकिन बात अब रमन सिंह, शिवराज सिंह चौहान या वसुंधरा राजे की नहीं है। बात नरेंद्र मोदी के नाम की भी है जिनके सहारे ही बीजेपी ने 2014 जीता था और 2019 भी जीतने का प्लान है। इस हार के बाद ‘ब्रांड मोदी’ को निश्चित तौर पर राजनैतिक चोट लगी होगी। हालांकि इन चुनाव में नरेंद्र मोदी सीधे तौर पर चुनाव नहीं लड़ रहे थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा वही हैं और राहुल गांधी के निशाने पर भी सबसे ज्यादा मोदी ही रहे।
पिछले कुछ साल में नरेंद्र मोदी का नाम और उनका चेहरा जीत की गारंटी माना जाता था। लेकिन इन विधानसभा चुनाव में ये जादू फीका पड़ गया। मोदी का नाम भी बीजेपी का बेड़ा पार नहीं लगा पाया। वैसे तो पीएम मोदी ने जोर लगाने में कोई कमी नहीं की, फिर भी वो बीजेपी को उस हार से बचा नहीं पाए. 2019 के चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी को मिली ये जीत कांग्रेस का मोरल बढ़ा सकती है।