समुद्र में उतरा भारत का गुप्त पहरेदार ‘ करंज ‘
न्यूज़ डेस्क–भारतीय नौसना ने समुद्र में एक और जोरदार छलांग मारी है, जिससे नौसना की ताकत में अब और भी इजाफा हो गया है। भारतीय नौसेना की यह कामयाबी दुश्मनों के पसीने छुड़ाकर उनके छक्के छुड़ा देगी।
स्कॉर्पीन क्लास की तीसरी पनडुब्बी ‘करंज’ आज मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) से लॉन्च की गई। प्रॉजेक्ट 75 प्रोग्राम के तहत एमडीएल द्वारा बनाए जाने वाली 6 पनडुब्बियों में से यह तीसरी है। इस श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी पिछले साल 14 दिसंबर को लॉन्च की गई थी। वहीं दूसरी पनडुब्बी खांदेरी भी पहले ही लॉन्च की जा चुकी है, जिसका समुद्र में ट्रायल किया जा रहा है। स्कॉर्पीन सबमरीन इंडियन नेवी के लिए प्राथमिक जरूरतों में से थी। इसकी आवश्यक्ता ऐसे मौके पर और बढ़ जाती है, जब चीन की नौसेना हिंद महासागर में अपनी सक्रियता बढ़ा रही हो। करंज की लॉन्चिंग के मौके पर नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा चीफ गेस्ट रहे ।
आधुनिक फीचर्स और सटीक निशाने की क्षमता वाली स्कॉर्पीन पनडुब्बी ‘करंज’ दुश्मनों को चकमा देकर सटीक निशाना लगा सकती है। करंज की यह खूबी चीन और पाकिस्तान जैसे देशों की मुश्किलें बढ़ा देगा। इसके साथ ही ‘करंज’ टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती है। युद्ध की स्थिति में करंज पनडुब्बी हर तरह की अड़चनों से सुरक्षित और बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा देकर बाहर निकल सकती है। यानी इसमें सतह पर पानी के अंदर से दुश्मन पर हमला करने की खासियत भी है।
इस पनडुब्बी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे किसी भी तरह की जंग में ऑपरेट किया जा सकता है। यह पनडुब्बी हर तरह के वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस को इकट्ठा करने जैसे कामों को भी बखूबी अंजाम दे सकती है। गौरतलब है कि कंरज पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबा, 12.3 मीटर ऊंचा, 1565 टन वजनी है। बताया जा रहा है कि इस पनडुब्बी को तैयार करने का श्रेय मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड को जाता है। गौरतलब है कि यह एक स्वदेशी सबमरीन है, जो ‘मेक इन इंडिया’ का परचम लहराएगा।