अब शराब से भी ‘गो सेवा सेस’ वसूलेगी योगी सरकार,सियासत तेज
लखनऊ — उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार को हुई योगी कैबिनेट बैठक में 5 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. इनमें सबसे अहम प्रस्ताव गौ सेवा से जुड़ा रहा. कैबिनेट ने प्रदेश की पंचायतों, नगर पालिका और नगर निगमों में
स्थाई गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना और संचालन नीति का निर्धारण करने को भी मंजूरी दी. इसके तहत कई विभाग मिलकर इस योजना को अमल में लाएंगे. इसके साथ ही प्रदेश में नया गो सेवा सेस भी लागू किया गया है. अब यूपी सरकार प्रदेश में बिकने वाली शराब में से गो सेवा सेस वसूलेगी.
वहीं गो सेवा सेस को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने योगी सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की नीयत में खोट है. प्रदेश में गाय के नाम पर घोटाला होगा.
सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि “यह सरकार अद्भुत है. भावनात्मक मुद्दों पर देश को गुमराह करती है. गंगा मैया के नाम पर करोड़ों अरबों घोटाले के बाद अब गौ माता के नाम पर घोटाला होगा”. उन्होंने कहा कि “सरकार के नीयत में खोट है. टैक्स लगाए अच्छी बात है लेकिन काम तो करें. टैक्स अगर भ्रष्टाचार के लिए ले रहे हैं तो बेईमानी है. इस सरकार में किसान और गाय दोनों परेशान हैं.”
वहीं यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी कहते हैं कि यूपी सरकार गाय के नाम पर अब धन उगाही शुरू करने जा रही है. पहले गाय के नाम पर वोट लो, उसके बाद गाय के नाम पर मनुष्य की हत्या करो और अब गाय के नाम पर आम जनमानस के जेब पर डाका डालो.
दरअसल यूपी सरकार के अनुसार प्रदेश में लोग नर गोवंश को बेसहारा छोड़ देते हैं क्योंकि कृषि संबंधित कार्यों में अब इनकी कोई जरूरत नहीं रह गई है. ये निराश्रित गोवंश अनियंत्रित प्रजनन कर निराश्रित पशुओं की बढ़ोत्तरी करते हैं. ये किसानों की फसल बर्बाद करते हैं. यही नहीं इनके कारण सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ती हैं. अब सरकार ने युद्धस्तर पर इसका समाधान निकालने की तैयारी की है.
इसके तहत यूपी में नई प्रभावी नीति बनाई गई है. इसमें कई विभागों के सहयोग से प्रदेश के ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल बनाकर चलाया जाएगा. ये कभी भी हटाया भी जा सकेगा.इन गोवंश से उत्पादित दूध, गोबर, कम्पोस्ट आदि को बेचकर आश्रय स्थल को स्वावलंबी बनाया जाएगा. इससे जनता को गोवंश की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.