‘योग’ है हमारी भारतीय संस्कृति की प्राचीनतम पहचान
—(श्वेता सिंह )
आज की भाग – दौड़ की जिंदगी में ऐसे कई पल है जो हमारी लाइफ पर स्पीड ब्रेक लगा देता है | जिनके विभिन्न प्रकार के कारण होते है जैसे तनाव , थकान तथा चिड़चिड़ापन आदि| जिससे जिंदगी अस्त – व्यस्त हो जाती है |
ऐसे में जिंदगी को स्वस्थ्य और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए योग एक रामबाण दवा है जो मस्तिष्क को कूल तथा बॉडी को फिट रखता है | अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना का प्रथम उद्देश्य यही है कि लोगों की स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों को दूर किया जा सके और स्वस्थ्य बनाया जा सके | इसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण में की थी और 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी मिली और इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम अवधि थी | जिसके बाद से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित हो गया और हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा |
योग हमारी भारतीय संस्कृति की प्राचीनतम पहचान है | विश्व की प्रथम पुस्तक ऋग्वेद में कई स्थानों पर यौगिक क्रियाओं के बारे में विस्तारपूर्वक मिलता है | भगवान शंकर के बाद वैदिक ऋषि मुनियों से ही योग का प्रारम्भ माना जाता है तथा बाद में महावीर एवं बुद्ध ने इसे अपनी तरह से विस्तृत किया | फिर इन सबके बाद पंतजलि ने इसे सुव्यवस्थित रूप दे दिया | भारत में पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए भाजपा के साथ बाबा रामदेव ने एक आयोजन के द्वारा पूरे विश्व को जागरूक करने के लिए 35 मिनट का विशेष पैकेज तैयार किया था | इस दिन योग दिवस सफल होने के साथ ही भारत ने दो विश्व रिकार्ड भी कायम किये थे | इस तरह प्रति वर्ष अन्तर्रष्ट्रीय योग दिवस बहुत बड़े पैमाने पर मनाया जाता है |
अब बात करते है कि योग के क्या – क्या लाभ है? आज के प्रदूषित वातावरण में योग एक ऐसी दवा है, जिससे जीवन को तनाव मुक्त और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है | योग हर प्रकार से आवश्यक है यह शारीरिक , मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है | योगाभ्यास से अनेक प्रकार के रोगो से लड़ने की शक्ति मिलती है | त्वचा चमकदार रहती है और शरीर स्वस्थ्य तथा बलवान बनता है |जो लोग अपने मोटापे से परेशान रहते है उनके लिए व्यायाम सबसे फायदेमंद रहता है रेगूलर योग करने से मोटापे पे काबू पाया जा सकता है | योग के अनेक प्रकार के आसन है -जैसे शवासन – हाई – ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है | कपालभाति प्राणायाम , भ्रामरी प्राणायाम मन को शांत करता है , वक्रासन अनेक बीमारियों से बचाता है | पवनमुक्तासन गैस की समस्या को दूर करता है आदि ऐसे कई प्रकार के योग आसन है जो लोगो की सेहत के लिए लाभदायक है |
आज की इस चलती – फिरती जिंदगी में लोगो के पास कम समय के कारण योग नहीं कर पाते है या ज्यादा से ज्यादा लोग जिम का प्रयोग करते है | जिम में विभिन्न प्रकार की मशीनों के माध्यम से शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए व्यायाम किया जाता है लेकिन मशीनों के द्वारा शरीर को साइड-इफ़ेक्ट बहुत सारे होते है| अगर जब कभी जिम में एक्सेरसाज़ करना बंद कर दे देते है तो उसका उल्टा फर्फ पड़ता है अर्थात नुकसान होता है | जहाँ एक ओर योग के कई प्रकार के लाभ है वही जिम के अलग प्रकार के लाभ तथा नुकसान है |
यदि 24 घंटे में महज कुछ मिनट ही योग का उपयोग करें तो अपनी सेहत को लोग चुस्त – दुरुस्त रख सकते है और फिट रहने के साथ ही योग से पॉजिटिव एनर्जी भी मिलती है तथा शरीर में रोग प्रतिरोध क्षमता का विकास होता है |जब तक हम सब लोग अपने स्वास्थ्य के लिए जागरूक नहीं होंगे तब तक अनेक प्रकार की बीमारियों से निजात पाना नामुमकिन है इसलिए हम सब लोग खुद अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो और योग को प्रतिदिन करें तभी स्वस्थ्य जीवन पाया जा सकता है |