यमुना मिशन सदस्यों ने की एल्सटोनिया व सफेदा वृक्षों को हटाने की मांग

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मथुरा– प्रदूषण को दृष्टिगत रखते हुए यमुना मिशन मार्ग पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में यमुना मिशन वॉलियन्टर के साथ वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया। 

 

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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते यमुना मिशन ने यह महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। यमुना मिशन के संस्थापक प्रदीप बंसल के दिशा निर्देशन में यमुना मिशन के संयोजक पं. अनिल शर्मा ने कहा कि दिल्ली में आए दिन बढ़ता प्रदूषण समस्त ब्रजवासियों के लिए गहरी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण एवं फॉग के चलते आए दिन समस्त स्कूल बंद कर दिए जाते हैं। वहां के नागरिकों को मास्क पहन कर निकलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, गाजियाबाद एवं आसपास के इलाकों में एल्सटोनिया एवं सफेदा (यूकेलिप्टस) नामक वृक्ष बहुतायत में पाया जाता है। दिल्ली में प्रदूषण बढऩे का एक कारण यह भी हो सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इन खतरनाक वृक्षों को नष्ट किया जाए या फिर उन्हें ऐसी जगह स्थापित करें जहां से इनका प्रभाव मानव जीवन पर न पड़ सके। 

एल्सटोनिया एवं सफेदा नामक वृक्ष मथुरा जनपद में भी देखने को मिल जाते हैं। उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की कि इन एलएस टोनियां एवं सफेदा नामक वृक्षों की खोज कर उन्हें जनपद से हटाया जाए। एल्सटोनिया नामक वृक्ष पर एक चिडिय़ा भी नहीं बैठती और न ही गाय इसकी छांव में विश्राम करती है। एल्सटोनिया नामक वृक्ष श्वांस के लिए हानिकारक है। इससे दमा जैसी बीमारियों का जन्म होता है। प्रत्येक ब्रजवासी प्रतिदिन एक दिन में कम से कम 50 वृक्ष जरूर लगायें। तभी इस प्रदूषण से निजात मिल सकती है। मास्क लगाने से अच्छा है कि प्रतिदिन वृक्ष जरूर लगाएं।

(रिपोर्ट – सुरेश सैनी , मथुरा )

 

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