CBI जांच और धरपकड़ के दौरान गायब हो गए थे यादव सिंह के बेटे, हुए बर्ख़ास्त

बसपा और सपा शासनकाल में बाप-बेटे की तूती बोलती थी

0 151

लखनऊ से बड़ी खबर सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक जमाने में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह के बेटे सनी यादव की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। सनी यादव ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के परियोजना विभाग में बतौर प्रबंधक तैनात थे। यादव सिंह पर सीबीआई जांच और धरपकड़ के दौरान वह बिना बताए दफ्तर से गायब हो गए थे। उस वक्त ने निलंबित किया गया था अब उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।

यह भी पढ़ें-VIDEO: यूपी के पूर्व सीएम पर बनी बायोपिक ‘मैं मुलायम सिंह यादव’ का धमाकेदार ट्रेलर रिलीज

अब करीब 6 महीने पहले इस पूरे प्रकरण की जांच करने के लिए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णकांत गुप्त को जांच सौंपी थी। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के एसीईओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने शासन से सनी यादव को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। उस सिफारिश के आधार पर मंगलवार को शासन ने सनी यादव को बर्खास्त कर दिया है।

3 दिन पहले जेल से रिहा हुए हैं यादव सिंह:

सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को गाजियाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने जमानत देकर रिया किया है। यादव सिंह के खिलाफ नोएडा में बिजली की लाइन डालने के लिए फर्जी टेंडर निकालने और गलत तरीके से करीब 100 करोड रुपए का भुगतान करने के आरोप हैं। बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में यादव सिंह नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में बतौर चीफ इंजीनियर तैनात रहे थे।

Related News
1 of 1,027

बसपा और सपा शासनकाल में बाप-बेटे की तूती बोलती थी:

बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकारों के दौरान यादव सिंह और उनके बेटे सनी यादव की तीनों विकास प्राधिकरण में तूती बोलती थी। सूबे में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तो यादव सिंह के खिलाफ टेंडर घोटाले में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। गौतम बुध नगर पुलिस ने इस मामले में यादव सिंह के खिलाफ जिला न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। इससे पहले यादव सिंह की गिरफ्तारी होती, यह मामला सरकार ने यूपी सीबीसीआईडी को ट्रांसफर कर दिया।

सीबीसीआईडी ने इस मामले को खत्म कर एफआर गौतम बुध नगर जिला अदालत में दाखिल की थी। उत्तर प्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी की योगी आदित्यनाथ सरकार बनी तो इस मामले को दोबारा खोला गया और सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बाद यादव सिंह की गिरफ्तारी हुई। सनी यादव, उनकी मां और पत्नी फरार हो गए थे। हालांकि बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी।

जनवरी में की गई थी बर्खास्तगी की सिफारिश, अब हुआ एक्शन:

सनी यादव के खिलाफ ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में जांच पूरी करके जनवरी के महीने में रिपोर्ट शासन को भेजी थी। औद्योगिक विकास विभाग ने भी इस रिपोर्ट पर बर्खास्तगी की सिफारिश करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया था। इस बीच सनी यादव अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट चला गया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट मामले में सुनवाई कर रहा था। अब सोमवार को सनी यादव की बर्खास्तगी पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने आदेश जारी किया है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...