बिना स्कूली परमिट के सैकड़ो टैक्सियां ढो रही स्कूली बच्चे !

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फर्रुखाबाद– जिले में सैकड़ो सरकारी से लेकर प्राइवेट स्कूल चल रहे है।उन स्कूलों में बच्चों को घर से लेकर स्कूल तक ले जाने व लाने की जिम्मेदारी तीन पहिया वाली टैक्सियों को दे रखी है।जिनका लाइसेंस केवल तीन सबारी ढोने का होता है।

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स्कूली परमिट नही होता है लेकिन वह एआरटीओ की मेहरवानी से तीन की जगह 13 बच्चों को बैठाकर टैक्सी चला रहे है।जिले में लगभग एक दर्जन से ऊपर मानव रहित क्रासिंग है।जिनसे सभी लोग गुजरते हैं।उन्हें रेलवे के नियम भी मालूम नही है।अपनी जान जोखिम में डालकर उससे गुजरते हैं। दूसरी तरफ जो क्रासिंग बन्द होने के बाबजूद स्कूली बच्चे रेलवे लाइन पार करते है।उधर बच्चों की जिन्दगी की बात जिला प्रसाशन से कई बार की जा चुकी है लेकिन कोई भी ठोस कदम नही उठाया गया। जब टैक्सी चालकों से अधिक बच्चे बैठाने को लेकर सवाल पुछा गया तो उसने बताया कि मैं चार सालों से यही काम कर रहा हूं।कभी किसी अधिकारी या स्कूल प्रसाशन ने मना ही नही किया। जब टैक्सी में बच्चे अधिक होते है तो आमदनी भी अधिक होती है।

स्कूल प्रसाशन अपने स्कूल के नाम पर बहुत ही कम वाहनों के परमिट लेने को तैयार होते है।दूसरी तरफ बच्चों को स्कूल तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए प्राइवेट टैक्सी को महीना बन्दी करके  उन्ही से बच्चों को स्कूल भेज रहे है लेकिन कभी भी अभिभावक यह नही देखते की टैक्सी में कितने बच्चे बैठाए जा रहे है।जिस कारण टैक्सी चालक दर्जनों बच्चों को ले जाते है।जब टैक्सियों द्वारा स्कूली बच्चों को ढोने की बात एआरटीओ संजय झा से की गई तो उन्होंने बताया कि ओमनी वैन व टैक्सियों को अनाधिकृत तरीके से स्कूल मालिको ने स्कूल में लगा रख्खी है।लेकिन उनका कोई भी लिखित समझौता नही होता है जिसमे स्कूल प्रबंधन व बच्चों के परिजनो की भी जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों को सुरक्षित स्कूल भेजे जिला प्रसाशन से मिलकर इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जायेगा।

(रिपोर्ट – दिलीप कटियार , फर्रुखाबाद )

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