प्रशासन की उदासीनता और बारिश किसानों के लिए बनी आफत
प्रशासन की उदासीनता से बारिश में भीग रहा किसानों का गेंहू, नहीं हो रही खरीद
गेंहू खरीद को लेकर सरकार की मंशा को जिले के अधिकारी तार तार कर रहे है, जिला प्रशासन की उदासीनता किसानों पर भारी पड़ रही है। प्रशासन की उदासीनता और आसमान से बरसती बारिश किसानों पर आफत बन कर टूट रही है।
ये भी पढ़ें..यूपी में फिर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, कई पुलिस उपाधीक्षकों का ट्रांसफर, देखें लिस्ट…
किसान गेहू बेचने को लेकर परेशान
कई केंद्रों पर न तो बोरी है और न ही किसानों से खरीद हो रही है ।किसान एक पखवाड़े से ट्रैक्टर ट्राली लेकर केंद्र पर खड़े हैं।किसान परेशान हैं और कागजों में खरीद धड़ल्ले से जारी है। एक तरफ किसान गेहू बेचने को लेकर परेशान है तो वही अधिकारियों के अनुसार सब कुछ आल इज बेल है।
दो हफ्ते से तौल के लिए इंतजार कर रहे किसान
सरकार ने गेंहू खरीद के लिए 15 जून तक का समय तय किया था जिसे अब 22 जून तक बढ़ा दिया गया है। लेकिन केंद्रों पर अब भी गेंहू लदी ट्रैक्टर ट्रालियों की लाइन लगी है।मंडी समिति अकबरपुर में कई दर्जन गाड़ियां खड़ी हैं।किसान दो हफ्ते से तौल के लिए इंतजार कर रहे हैं।गत कई दिनों से जिले में मौसम भी खराब है तेज बारिश हो रही है जिससे किसानों की ट्रालियां भीग रही हैं।
किसान वारिस के बीच अपने गेहू को पानी से भीगने से बचाने की जद्दोजहद कर रहा है,, केंद्र पर किसान तौल का इंतजार कर रहे हैं,, कई केंद्रों पर उन्हें बोरा न होने का हवाला दे कर लौटाया जा रहा है,जबकि कागजों में खरीद दिखाई जा रही है।बताया जा रहा है कि बिचौलियों और मिलरों से खरीद की जा रही है लेकिन किसानों को टरकाया जा रहा है।
अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे
केंद्र पर भले ही किसान गेहू बेचने की जद्दोजहद कर रहा कोई एक हफ्ते से तो कोई दो हफ्ते से ट्राली लेकर खड़ा है लेकिन अधिकारी है कि अपनी पीठ थपथपाने में लगे है, डिप्टी आरएमओ ने बताया कि पिछले वर्ष से लगभग दो गुने किसानों ने इस वर्ष गेहू बेचा है, मंडी समिति में बने क्रय केंद्रों पर अभी खरीद हो रही है,, अन्य बाहर के केंद्रों पर खरीद रूक गयी है क्योंकि कुछ तकनीकी कारणों से पोर्टल बन्द है। बारिश के कारण कुछ समस्याएं आई है उन्हें शार्ट आउट किया जा रहा है।
ये भी पढ़ें..सिपाहियों को पसंद आ रहीं विभागीय दुल्हनियां…
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं…)
(रिपोर्ट- कार्तिकेय द्विवेदी, अम्बेडकरनगर)