कश्मीर से धारा 370 के हटने से अब क्या होगा?

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न्यूज डेस्क — केंद्र सरकार ने सोमवार को ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार ने बड़ी घोषणा कर दी है। नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया।इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को भी केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा मिल गया है। इतना ही नहीं लद्दाख को भी जम्‍मू-कश्‍मीर से अलग कर के केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। हालांकि दोनों की विधानसभा एक ही (जम्‍मू कश्‍मीर विधानसभा) रहेगी।

अब होगा ये…

* अनुच्छेद 370 रक्षा, संचार और विदेशी मामलों को छोड़कर सभी मामलों के लिए जम्मू और कश्मीर को अपना संविधान और निर्णय लेने का अधिकार देता था जो अब नही होगा।

* संविधान के इस हिस्से को हटाने से कश्मीर के लिए विशेष दर्जा समाप्त हो जाता है , जो 1947 में भारत के लिए इसके उपयोग की कुंजी थी।

* अनुच्छेद 370 ने राज्य के लिए किसी भी नीतियों या संवैधानिक शक्तियों को शुरू करने के लिए केंद्र को राज्य विधायिका की स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक बना दिया

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* जम्मू और कश्मीर एक राज्य और दो लेफ्टिनेंट गवर्नर के साथ दो केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा। लद्दाख बिना विधायिका के केंद्र शासित प्रदेश होगा और जम्मू-कश्मीर में विधायिका होगी।

* जम्मू-कश्मीर भी केन्द्र शासित प्रदेश होगा।

* राज्य में नागरिकों को मिलने वाली दोहरी नागरिकता खत्म हो जाएगी।

* राज्य के पुनर्गठन का अधिकार केन्द्र को मिला।

* अब जम्मू कश्मीर का अपना संविधान और झंडा नहीं होगा।

* विधानसभा का कार्यकाल 6 साल की बजाय 5 साल का होगा।

* अब जम्मू कश्मीर में रक्षा, विदेश और संचार मामले ही केन्द्र सरकार के अधिकार में थे।

 * लद्दाख, जम्‍मू-कश्‍मीर को अलग प्रदेश कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। हालांकि दोनों की विधानसभा एक ही (जम्‍मू कश्‍मीर विधानसभा) रहेगी।

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