सिंचाई मंत्री का बड़ा बयान,- ‘अब जरुरत पड़ने पर हो सकेगी कृत्रिम बारिश’
हाथरस–यूपी के सिंचाई और जल संसाधन मंत्री धर्मपाल सिंह का दावा है कि अब जरुरत पड़ने पर यहां कृत्रिम बारिश हो सकेगी। इसके लिए आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने स्वदेशी तकनीकी विकसित कर ली है।
जरुरत पड़ने पर इस तकनीकी का प्रयोग महोबा ,बुंदेलखंड और विंध्याचल में होगा। हाथरस के पीडब्लूडी गैस्ट हाउस में प्रेस से मुखातिब हुए मंत्री की माने तो मई महीने में सरकार महोबा में कृतिम बरसात कराना चाहती थी। ये तकनीकी चायना के पास थी। एक हज़ार वर्ग किलोमीटर में बरसात कराने के लिए चायना ने साढ़े दस करोड़ रूपये मांगे थे और अंतिम क्षणों में उसने भारत को यह तकनीकी देने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि स्वदेशी तकनीकी सस्ती है इसमें इतने क्षेत्रफल में बारिश कराने पर साढ़े पांच करोड़ रुपया ही खर्च होगा। सिचाई मंत्री ने बताया कि किसानो की आय दुगनी करने की नीति के तहत यहां वन ड्राप मोर क्रॉप के लिए इजराइल पद्धिति अपनाने और इसके मंहगी होने की बजह से किसानो को 80 से 90 प्रतिशत अनुदान देने की योजना बनाई गयी है। सिचाई मंत्री ने सभी नहरों में पानी देने और नहरों की जमीनों पर कब्जेधारियों को बेदखल करने की प्रतिबद्धता भी जताई।
वही हाथरस जिले तैनात सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सरकार से भी बड़े है। उन पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके है और सिचाई मंत्री व् प्रमुख सचिव सिचाई के स्थान्तरण के आदेश होने के बाद कि इनको लखनऊ मुख्यालय सम्बद्ध कर दिया गया है लेकिन आज तक हाथरस जिले में तैनात है। सिचाई मंत्री से इस बारे में सवाल पूछा तो बचते नजर आये और सिर्फ कार्यवाही की बात कहते हुये मामले से पल्ला छाड़ लिया |
( रिपोर्ट- सूरज मौर्या , हाथरस )