बहाली को लेकर किसान मित्रों ने किया जल आंदोलन

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फर्रुखाबाद--प्रदेश में 1998 में भाजपा सरकार द्वारा किसान मित्रो को हर ब्लाक और गांव में लगाया गया था।इन किसान मित्रो को 1 हजार मानदेय 250 रुपये भाड़ा मिलता था।लेकिन 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दोवारा शुरू की लेकिन दो साल चलाकर उसको स्थगित कर दिया कि इस योजना के लिए हमारे पास बजट नही है।

2017 में फिर से भाजपा सरकार बनी।लेकिन किसान मित्रो की वहाली नही की गई।जबकि भाजपा सरकार किसानों का हितैसी बताती है फिर किसानों की अनदेखी क्यो ।उसी के चलते समस्या का समाधान न होने पर किसान मित्रो ने जल सत्या गृह शुरू कर दिया है। किसान मित्र नौकरी बहाल करने को लेकर आंदोलन कर रहे है। 

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सर्वोदय मण्डल के नेता लक्षमण सिंह की मौजूदगी  में किसान मित्र पांचाल घाट दुर्वाशा ऋषि आश्रम पहुचे। उन्होंने गंगा में जल सत्या गृह शुरु कर दिया।इस मौके पर सर्वोदय मण्डल के नेता लक्षमण सिंह ने कहा कि इस सत्यागृह के सम्बंध में प्रशासन को पहले ही आगाह कर दिया गया था।इसके बाद भी प्रशासन ने कोई ध्यान नही दिया। इससे पहले किसान मित्र जिले के चारो विधायको को  अपनी नौकरी  बहाल करने के लिए ज्ञापन दे चुके है इसके बाद भी विधायको ने भी कोई ध्यान नही दिया तो किसान मित्रो ने जल सत्यागृह का फैसला लिया।उन्होंने कहा कि उनका जल सत्यागृह तब तक जरी रहेगा जब तक कोई अधिकारी यहां आकर उन्हें बहाली का भरोसा नही देगा।यह आंदोलन शाम तीन बजे तक चलेगा क्योकि यह केवल सरकार को चेतावनी देने के लिए दिया जा रहा है।सुबह 11बजे किसान मित्र गंगा में घुस कर सत्यागृह कर रहे है। नरोरा बांध से पानी छोड़े जाने से गंगा का पानी पल पल बढ़  रहा है। गंगा में आई बाढ़ और ऊपर से हो रही बारिस में किसान मित्रो का जल सत्यागृह  जारी है।इस मौके पर लगभग चार दर्जन से अधिक किसान मित्र इस जल सत्याग्रह में साथ दिखाई दिए।

आखिर भाजपा सरकार क्यो इन किसानों को 1250 रुपये के लिए क्यो आंदोलन करा रही है।जिस प्रकार से शिक्षामित्रों का समायोजन सरकार द्वारा किया जा रहा है।उसी प्रकार से किसान मित्रो का भी किया जा सकता है।पूरे प्रदेश में 54 हजार किसान मित्र है।

(रिपोर्ट – दिलीप कटियार, फर्रुखाबाद)

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