गुजरात चुनाव में नकली नोटों से हो रहा वोटों का सौदा

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इंदौर — गुजरात विधान सभा चुनाव में नकली नोट का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। जिसकी आपूर्ति मध्यप्रदेश के इंदौर से की जा रही है। क्राइम ब्रांच के लिए नकली नोट खपाने वाले बड़ी चुनौती बने हैं क्योंकि टीम के गुजरात पहुंचने के पहले ही आरोपी फरार हो गये और टीम को बेरंग लौटना पड़ा।

 

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दरअसल, नकली नोट छापने और सर्कुलेशन करने वाले गिरोह के दो सदस्य अब भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। पुलिस को आशंका है कि नकली नोटों को गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में खपाया गया है। क्राइम ब्रांच ने हाल ही में नकली नोट छापकर मध्यप्रदेश के कई जिलों सहित गुजरात के सूरत में चलाने वाले गिरोह को पकड़ा था। गिरोह के सरगना नरेश पवार ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वह 2005 से 100 और 500 के नकली नोट छापने का काम कर रहा था। नोट बंद होने के बाद आरोपी ने दो हजार के नकली नोट भी छापना शुरु कर दिया था। पुलिस ने गिरोह के सरगना नरेश पवार की पहली पत्नी की सूचना पर आरोपी को पकड़ा था। आरोपी ने पीथमपुर में नोट छापने का कारखाना खोल रखा था।

वहीं एएसपी क्राइम ब्रांच अमरेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपी ने कबूल किया था कि सूरत के ट्रांसपोर्टर धनराज राठी को चार लाख के नकली नोट छापकर दिए थे। धनराज सूरत में विवेक रेसीडेंसी में रहता है, आशंका है कि गुजरात में होने वाले चुनाव में इन नकली नोटों को खपाया गया है।धनराज को सूरत पकड़ने गई क्राइम ब्रांच की टीम को चकमा देकर आरोपी वहां से फरार हो गया। आस पास के इलाके में पूछताछ से पता चला है कि धनराज के पास पहले 22 ट्रक थे। 

शराब की लत और व्यापार में नुकसान होने के कारण उसने अपने 18 ट्रक बेच दिए। अब पुलिस को उसके पकड़े जाने का इंतजार है, जिसके बाद ही इस बात का खुलासा हो सकेगा कि चुनाव में नकली नोट का इस्तेमाल हुआ या नहीं। पुलिस की माने तो दोनों फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कई अहम खुलासे होंगे। वहीं नरेश अपने गिरोह के साथ 3 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर हैं।

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