20 जून को सिर पर सजना था सेहरा, तिरंगे में लिपटकर आया पार्टिव शरीर

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फतेहपुर– उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर जिले के चाँदपुर थाना क्षेत्र के सठीगंवा गांव के रहने वाले विजय कुमार पण्डेय जो जम्मू कश्मीर के अखनूर में बीएसएफ में कॉन्स्टेवल के पद में पोस्टेड थे जिनकी देर रात पाकिस्तान के द्वारा की गई गोलाबारी में शहीद हो गए है। 

शहीद विजय पांडये की मौत के बाद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। वहीं शहीद हुए विजय पण्डेय के परिजनों की भारत सरकार से मांग है कि जिस तरह से पाकिस्तान देश के वीरो को मार रहा है और भारत सरकार समझौता किये जाने की बात कह रही है। जबकि अब सरकार को जवानों को छूट दे देनी चाहिए जिससे और देश के लाल शहीद ना हो पाए। 

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आपको बताते चले की विजय पाण्डेय के पिता किसान है जिनके दो पुत्र है बड़ा पुत्र अजय कुमार कानपूर में प्राइवेट नौकरी कर रहा हैं और दूसरा बेटा देश की सेवा कर रहा था जो आज शहीद हो गया हैं। इस पुरे परिवार में सिर्फ तीन बीघे खेती है जिससे इनके घर का पालन पोषण हो रहा था। शहीद विजय पांडेय अपनी शुरूआती पढाई गाँव के ही प्राथमिक विद्यालय से शुरू की और हाईस्कूल व इंटर की पढाई अमौली कस्बे बलदेव गिरी इंटर कालेज से की। इंटर की पढाई ख़त्म होने के बाद बीए की पढाई कानपूर यूनिवर्सिटी से की और 2012 में देश की सेवा के लिए उसने बीएसएफ की नौकरी ज्वाइन की जो आज शहीद हो गया हैं।

शहीद विजय पांडेय पांच जून को अपनी शादी के लिए घर छुट्टी में आना था जिसका तिलक समारोह 15 जून को होना था और 20 जून को शादी थी। जिसके लिए पूरा परिवार तैयारियों में जुटा हुआ था। वहीं शहीद हुए बेटे की मौत के बाद माता पिता रो रोकर बेहाल है जिनके बेटे की बारात 20 तारीख को शादी होनी थी।

शहीद हुए विजय पण्डेय की मौत के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है जहां विजय पण्डेय के द्वारा बनवाया हुआ एक मंदिर भी है।  गांव वालों की माने तो विजय बहुत शांत स्वभाव का ब्यक्ति था और जब भी गांव आता था सभी के साथ बैठता उठता था और सभी की समस्याओं में शरीक होता था; जिसके लिए पूरा गांव दुखी है ।

(रिपोर्ट – नितेश श्रीवास्तव, फतेहपुर )

 

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