वाराणसी– (Varanasi) शराब तस्करी कांड अब भाजपा के गले की हड्डी बन गया है। भाजपा प्रदेश हाईकमान ने वाराणसी के जिला महामंत्री उमेश दत्त पाठक को टर्मिनेट कर दिया।
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आरोप है कि श्री पाठक शराब तस्कर संजय गुप्ता को छुड़वाने के लिए चौबेपुर थाने पहुंचे थे। दूसरा आरोप यह है कि संजय गुप्ता के सिर पर इनका हाथ था। इल्जाम है कि इनकी संस्तुति पर संजय गुप्ता को भाजयुमो की कमान सौंपी गई थी।
भाजयुमो के तत्कालीन जिलाध्यक्ष संजय गुप्ता, भाई संतोष गुप्ता और दो अन्य पर लाकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी करने का आरोप है। इस मामले में पहले तीन लोगों के खिलाफ नामजद रपट हुई थी, बाद में संलिप्तता पाए जाने पर संजय गुप्ता का नाम भी प्राथमिकी के साथ जोड़ दिया गया। भाजयुमो के (Varanasi) जिलाध्यक्ष द्वार शराब की तस्करी किए जाने के मामले ने अब काफी तूल पकड़ लिया है। इस घटना से सियासी हलकों में भाजपा की खूब किरकिरी हो रही है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि जिस जिले का नेतृत्व खुद प्रधानमंत्री रहे हों, वहां भाजपा युवा विंग का मुखिया शराब तस्कर निकले, यह बेहद गंभीर है। भाजपा ने सोमवार को भाजयुमो के (Varanasi) जिलाध्यक्ष संजय गुप्ता को टर्मिनेट कर दिया था। मंगलवार को भाजपा के जिला महामंत्री उमेश दत्त पाठक को टर्मिनेट कर दिया गया। जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ने इन्हें टर्मिनेशन लेटर दिया है। उमेश के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने शराब तस्करी कांड को मुद्दा बना लिया है।
सूत्र बताते हैं कि बनारस (Varanasi) के भाजपा नेताओं ने सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि शराब तस्कर संजय गुप्ता को छुड़वाने के लिए उमेश दत्त पाठक खुद चौबेपुर थाने पहुंचे थे। आरोप है कि इन्होंने पुलिस को अर्दब में लेने की कोशिश की। साथ शराब तस्कर की गिरफ्तारी भी नहीं होने दी। इन पर एक बड़ा इल्जाम यह भी है कि इन्होंने पुलिस पर सिर्फ खुद ही नहीं, बल्कि तस्करी के आरोपित संजय गुप्ता को छुड़वाने के लिए पुलिस अधिकारियों से काबीना मंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय से भी बात कराई थी। हालांकि डा.पांडेय ने पुलिस को यह नहीं कहा कि अभियुक्त को छोड़ दिया जाए। सिर्फ इतना ही कहा कि अगर वो शराब तस्करी में लिप्त नहीं है तो उसे छोड़ दिया जाए।
भाजपा के जिलाध्यक्ष ने महामंत्री उमेशदत्त पाठक को जो टर्मिनेशन लेटर जारी किया है उसमें सिर्फ पदभार छीने जाने का जिक्र है। इस बीच पाठक के खिलाफ सांगठनिक स्तर पर जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। दूसरी ओर, निवर्तमान महामंत्री उमेश दत्त पाठक ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को बेबुनियाद और गलत बताया है। यह भी कहा है कि कुछ लोग उन्हें बदनाम करने में जुटे है। वो कार छुड़वाने के लिए पैरवी करने गए थे। उन्हें शराब तस्करी के बारे में कोई जानकारी थी ही नहीं।
शराब तस्कर के सिर पर था मंत्री का हाथ-
शराब तस्करी के आरोपित संजय गुप्ता के सिर पर एक कबीना मंत्री का हाथ था। अभियुक्त को बचाने के लिए इसी मंत्री ने पैरवी की थी। अब वो मंत्री मुकरते नजर आ रहे हैं। सफाई देते फिर रहे हैं कि वह संजय गुप्ता को जानते तक नहीं। जिला मंत्री उमेश दत्त पाठक उनके पास संजय को लेकर आते थे। इससे अधिक वह उस आदमी के बारे में कुछ भी नहीं जानते। अपनी सियासी ताल्लुकात के बल पर संजय गुप्ता यूपी में लीकर किंग बनने की तैयारी कर रहा था।