विधानसभा में पास हुआ यूपीकोका, विपक्ष ने कहा काला दिन

0 13

न्यूज डेस्क– प्रदेश में संगठित क्राइम को रोकने के लिए योगी सरकार द्वारा विधानसभा में मंगलवार को पेश किया गया यूपीकोका पास हो गया है। इससे पहले सरकार ने 21 दिसंबर, 2017 को यूपीकोका पेश किया था लेकिन विपक्ष की आपत्तियों के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस प्रवर समिति भेज दिया था।

वहीं, विधायक निधि में 50 लाख रुपए की वृद्धि कर दी गई है। अब विधायकों को मिलने वाली निधि 2 करोड़ रुपए की हो गई है। इससे पहले उन्हें डेढ़ करोड़ रुपए मिलते थे। बता दें कि यूपी विधानसभा के बजट सत्र का आज आखिरी दिन था।

मकोका की तर्ज पर काम करेगा यूपीकोका

यूपीकोका महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) की तर्ज पर काम करेगा। सीएम योगी ने सत्ता संभालने के बाद संगठित अपराध, माफियाओं पर शिकंजा कसने का आदेश दिया था। इसके बाद तत्कालीन गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र ने मुंबई, दिल्ली और बिहार समेत कई राज्यों में संगठित अपराध के लिए बनाए गए कानून के बारे में जानकारी जुटाई।

विशेष अदालतों का गठन करेगी सरकार

यूपीकोका की श्रेणी में आने वाले अपराध के निपटाने के लिए राज्य सरकार विशेष न्यायालय का गठन करेगी। ताकि जल्द से जल्द मामलों का निपटारा किया जा सके। हालांकि, ऐसे मामलों की जांच पहले कमिश्नर और आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे ताकि कानून के गलत इस्तेमाल से बचा जा सके। यानी इसके लिए बड़े लेवल के पुलिस अधिकारी से स्वीकृति लेनी होगी। स्वीकृति मिलने के बाद पुलिस आरोपी के खिलाफ इस कानून के तहत केस दर्ज कर सकती है। अपराधियों की संपत्ति राज्य सरकार द्वारा जब्त की जा सकती है। यह कोर्ट की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा। इस विधेयक के लागू होने के बाद संगठित अपराध करने वाले किसी भी अपराधी को सरकारी सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी। इसमें सजा का भी काफी कठोर प्रावधान है।

योगी ने कहा जरूरी है यूपीकोका

विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी ने कहा- यूपीकोका बिल दोबारा सदन में लाया गया है। पिछली बार दिसंबर में यह बिल विधानसभा से पास होकर विधानपरिषद में गया था तब वहां यह पास नहीं हो पाया था। संगठित अपराध रोकने के लिए यूपीकोका बिल जरूरी है। संगठित अपराध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विषय है। अपराध की प्रकृति का दायरा बढ़ रहा है। यूपी देश का बड़ा प्रदेश है। यूपी की सीमाएं कई राज्यों से मिली हैं। यूपी की बहुत बड़ी सीमा नेपाल से लगती है जो खुली हुई हैं। अभी हाल ही में टेरर फंडिंग का मामला सामने आया है।  और साइबर क्राइम के मामले आते रहते हैं। ऐसे में संगठित अपराध को रोकने के लिए यूपीकोका जरूरी है।

Related News
1 of 1,456

प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है। रामनवमी शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया। पिछले एक वर्ष में तीज त्यौहार और उपचुनाव शांतिपूर्ण ढंग से हुए हैं। कानून व्यवस्था बेहतर करने के लिए डायल 100 की गाड़ियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। जिसके बाद हत्या, लूट और डकैती जैसी घटनाओं में कमी आई है।

विपक्ष को परेशान करने के लिए लाया जा रहा है यूपीकोका

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा- “यूपीकोका बिल अलोकतांत्रिक है। आज का दिन काला दिन है। विपक्ष की गैरमौजूदगी में मनमाने ढंग से बिल पास किया गया है। बीजेपी सरकार में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। प्रदेश में यूपीकोका की कोई जरूरत नहीं है, आईपीसी, सीआरपीसी क्राइम कंट्रोल के लिए काफी है। 

यूपीकोका बिल पास कर सरकार अपनी नाकामी छिपा रही है। यूपी में 20.37 फीसदी क्राइम बढ़ा है। हत्या, रेप, लूट, फिरौती के मामले बढ़े हैं। सीएम को जहां से आंकड़ें मिलते हैं वहीं से हमें भी मिले हैं। जब बीएसपी सरकार में यूपीकोका लाया जा रहा था तब संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने यूपीकोका को इमरजेंसी बताया था। तब विपक्ष में रहकर सुरेश खन्ना ने विरोध किया था। बीएसपी के बिल जैसा ही है बीजेपी का यूपीकोका बिल।

पूरा विपक्ष कानून-व्यवस्था सही करने के लिए तैयार है लेकिन ऐसा कानून नहीं मंजूर है। इमरजेंसी में इसी तरह से पुलिस को अधिकार मिला था, पुलिस ने इमरजेंसी में नेताओं के नाखून निकाले थे, सबसे पहले कानून राजनेताओं पर लगते है। गैंगेस्टर, पोटा, एनएसए सबसे पहले नेताओं पर लगे, यूपीकोका मीडिया के अधिकारों पर कुठाराघात है। यूपीकोका का दुरुपयोग हो सकता है। 

कांग्रेस ने कहा अंग्रेजी हुकूमत की याद दिला दी

कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार ने काला कानून लाकर अंग्रेजी हुकूमत याद दिलाने का काम किया है। यह काला कानून है, संविधान विरोधी है और लोकतंत्र विरोधी है। इसमें पत्रकारों तक को आजादी नहीं है। बीएसपी विधानमंडल दल के नेता लाल जी वर्मा ने कहा कि यूपीकोका बिल सरकार अपराधियों के नियंत्रण के लिए नहीं लाई है। अपने राजनीतिक विरोधियों के लिए काला कानून लाई है। निश्चित रूप से यह एक लोकतंत्र की हत्या के समान विधेयक हैं।

दो सीएम तो हार गए, एक आप ही बचे हैं, अखिलेश किया दिनेश शर्मा पर तं

 मंगलवार को विधानपरिषद की कार्यवाही में सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी पहुंचे। उन्होंने सदन में अपने भाषण में गोरखपुर और फूलपुर की जनता को धन्यवाद दिया और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को लेकर तंज भी कसा। उन्होंने कहा गोरखपुर फूलपुर में दो तो हार गए, आप ही हो जो बच गए हैं। सदन में अखिलेश ने उपचुनावों में बीएसपी के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा उपचुनावों के रिजल्ट ने देश की राजनीति को दिशा देने का काम किया। अखिलेश यादव ने सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि राज्यसभा की जीत में 4 लड्डू मुख्यमंत्री ने खाया, फिर भी सीएम का व्रत चलता रहा। यह कैसा व्रत था, ऐसे तो मैं भी सालों व्रत रह लूं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में विधायक निधि बढ़ाने एलान किया। उन्होंने कहा-विधायक निधि की राशि डेढ़ करोड़ से बढ़ाकर अब 2 करोड़ कर दी है। यही नहीं जीएसटी की राशि के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। साथ ही 100-100 हैंडपंप भी ग्रामीण इलाकों के लिए

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...