विधानसभा में पास हुआ यूपीकोका, विपक्ष ने कहा काला दिन
न्यूज डेस्क — प्रदेश में संगठित क्राइम को रोकने के लिए योगी सरकार द्वारा विधानसभा में मंगलवार को पेश किया गया यूपीकोका पास हो गया है। इससे पहले सरकार ने 21 दिसंबर, 2017 को यूपीकोका पेश किया था लेकिन विपक्ष की आपत्तियों के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस प्रवर समिति भेज दिया था।
वहीं, विधायक निधि में 50 लाख रुपए की वृद्धि कर दी गई है। अब विधायकों को मिलने वाली निधि 2 करोड़ रुपए की हो गई है। इससे पहले उन्हें डेढ़ करोड़ रुपए मिलते थे। बता दें कि यूपी विधानसभा के बजट सत्र का आज आखिरी दिन था।
मकोका की तर्ज पर काम करेगा यूपीकोका
यूपीकोका महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) की तर्ज पर काम करेगा। सीएम योगी ने सत्ता संभालने के बाद संगठित अपराध, माफियाओं पर शिकंजा कसने का आदेश दिया था। इसके बाद तत्कालीन गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र ने मुंबई, दिल्ली और बिहार समेत कई राज्यों में संगठित अपराध के लिए बनाए गए कानून के बारे में जानकारी जुटाई।
यूपीकोका की श्रेणी में आने वाले अपराध के निपटाने के लिए राज्य सरकार विशेष न्यायालय का गठन करेगी। ताकि जल्द से जल्द मामलों का निपटारा किया जा सके। हालांकि, ऐसे मामलों की जांच पहले कमिश्नर और आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे ताकि कानून के गलत इस्तेमाल से बचा जा सके। यानी इसके लिए बड़े लेवल के पुलिस अधिकारी से स्वीकृति लेनी होगी। स्वीकृति मिलने के बाद पुलिस आरोपी के खिलाफ इस कानून के तहत केस दर्ज कर सकती है। अपराधियों की संपत्ति राज्य सरकार द्वारा जब्त की जा सकती है। यह कोर्ट की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा। इस विधेयक के लागू होने के बाद संगठित अपराध करने वाले किसी भी अपराधी को सरकारी सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी। इसमें सजा का भी काफी कठोर प्रावधान है।
योगी ने कहा जरूरी है यूपीकोका
विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी ने कहा- यूपीकोका बिल दोबारा सदन में लाया गया है। पिछली बार दिसंबर में यह बिल विधानसभा से पास होकर विधानपरिषद में गया था तब वहां यह पास नहीं हो पाया था। संगठित अपराध रोकने के लिए यूपीकोका बिल जरूरी है। संगठित अपराध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विषय है। अपराध की प्रकृति का दायरा बढ़ रहा है। यूपी देश का बड़ा प्रदेश है। यूपी की सीमाएं कई राज्यों से मिली हैं। ऐसे में संगठित अपराध को रोकने के लिए यूपीकोका जरूरी है।
विपक्ष ने कहा काला दिन…
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा- “यूपीकोका बिल अलोकतांत्रिक है। आज का दिन काला दिन है। विपक्ष की गैरमौजूदगी में मनमाने ढंग से बिल पास किया गया है। बीजेपी सरकार में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। प्रदेश में यूपीकोका की कोई जरूरत नहीं है, आईपीसी, सीआरपीसी क्राइम कंट्रोल के लिए काफी है।
यूपीकोका बिल पास कर सरकार अपनी नाकामी छिपा रही है। यूपी में 20.37 फीसदी क्राइम बढ़ा है। हत्या, रेप, लूट, फिरौती के मामले बढ़े हैं। सीएम को जहां से आंकड़ें मिलते हैं वहीं से हमें भी मिले हैं। जब बीएसपी सरकार में यूपीकोका लाया जा रहा था तब संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने यूपीकोका को इमरजेंसी बताया था। तब विपक्ष में रहकर सुरेश खन्ना ने विरोध किया था। बीएसपी के बिल जैसा ही है बीजेपी का यूपीकोका बिल। उन्होंने कहा पूरा विपक्ष कानून-व्यवस्था सही करने के लिए तैयार है लेकिन ऐसा कानून नहीं मंजूर है।