स्वास्थ्य विभाग में 50 पार कर्मचारियों की शुरू होगी छंटनी
योगी सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के समूह ‘ग’ के कर्मचारियों की लिए बनाए कमेटी
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के समूह ‘ग’ के उन कर्मचारियों के कड़ी नियम बनाया है जो काम करने से जी चुराते हैं और लापरवाही बरतते हैं। इस तरह के कर्मचारियों ने अगर समय रहते अपने विभागीय दायित्वों का गंभीरता से पालन नहीं किया तो जाहिर है कि सरकार उन्हें नौकरी से बाहर निकाल दे।
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दरअसल योगी सरकार ने मंगलवार को विभागीय कर्मचारियों के कामकाज और आउटपुट का लेखा-जोखा तैयार करने के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। ये कमेटी ऐसे कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करेगी जो अपने दायित्वों के प्रति ईमानदार नहीं होंगे और आचरण कदाचार या अन्य भ्रष्ट कार्यों में संलिप्त पाए जाएंगे।
कमेटी ऐसे कर्मचारियों की सूची तैयार कर सरकार को भेजेगी, जिसके आधार पर सरकार उनके विरुद्ध कार्रवाई करेगी या बाहर का रास्ता दिखाएगी। सरकार ने इस बारे में कमेटी के गठन के आदेश जारी कर दिए गए।
इन्हें बनाया गया कमेटी का सदस्य
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक (प्रशासन) डॉ. पूजा पांडे ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन करने का आदेश जारी किया है। अपर निदेशक प्रशासन की अध्यक्षता में गठित कमेटी में संयुक्त निदेशक (कार्मिक), संयुक्त निदेशक (मुख्यालय परिधिगत) एवं वरिष्ठ लेखा अधिकारी को सदस्य बनाया गया है।
कर्मचारी संगठनों ने दी प्रदेशव्यापी आंदोलन की धमकी
उधर सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कर्मचारी संगठनों ने प्रदेशव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (तिवारी गुट) के महामंत्री आरके निगम ने इसे अव्यवहारिक एवं अमानवीय बताया है।
उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान कर्मचारियों का हौसला बढ़ाने के बजाय सरकार उन्हें हतोत्साहित करने का काम कर रही है। इस दौरान नौकरी देने की जगह छीनने की सरकार योजना बना रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
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