उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
सभी ऊर्जा निगमों में प्रबन्धन के मनमानेपन, द्वेषपूर्ण भावना एवं पूर्वाग्रह से अभियन्ताओं पर बड़े पैमाने पर की जा रही उत्पीड़नात्मक एवं दण्डात्मक कार्यवाहियों, जानबूझकर व नियम विरुद्ध ढंग से पदोन्नति आदेश रोके रखने, भय पैदा करने, नकारात्मक कार्य प्रणाली, ईआरपी एवं सलाहकारों के नाम पर हो रही फिजूलखर्ची समेत तमाम समस्याओं से आहत एवं आक्रोशित बिजली अभियन्ता उप्र राविप अभियन्ता संघ के बैनर तले प्रदेशव्यापी लोकतांत्रिक तरीके से आन्दोलन करने की घोषणा की है।
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इस आशय की नोटिस विद्युत अभियन्ता संघ ने पावर कारपोरेशन अध्यक्ष को प्रेषित कर दी है। नोटिस के अनुसार 31 जुलाई तक प्रबन्धन द्वारा 11 बिन्दुओं पर सार्थक कार्यवाही न की गयी तो आन्दोलनात्मक कार्यक्रमों की घोषणा कर दी जायेगी। विदित हो कि बड़े पैमाने पर अभियन्ताओं के विरूद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों से प्रदेश के अभियन्ताओं में रोष बढ़ रहा है एवं ऊर्जा निगमों में टकराव की स्थिति बन रही है।
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विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वी.पी. सिंह एवं महासचिव प्रभात सिंह ने बयान जारी कर बताया कि विगत कुछ महीनों से लगभग सभी ऊर्जा निगमों के प्रबन्ध निदेशकों द्वारा बिजली अभियन्ताओं के प्रति द्वेषपूर्ण भावना एवं पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर दण्डात्मक कार्यवाहियों एवं अनावश्यक जांचों का कुचक्र चलाकर अभियन्ताओं के मान-सम्मान और कैरियर से खिलवाड़ कर रहे है।
ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन का मनमानापन चरम पर पहुंच गया है एवं अभियन्ताओं के भी सहनशीलता समाप्ति की ओर है, पूरे निगम में बिजली अभियन्ताओं ने भय एवं निराशा का वातावरण है। उन्होंने कहाकि कोरोना काल के लाॅकडाउन में माह अप्रैल में 4-5 दिनों के विलम्ब से वेतन वितरण पर अभियन्ताओं की वेतन वृद्धियां रोक ली गयी हैं।