बिजली चोरी को लेकर सख्त हुई योगी सरकार, घर-घर लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर
घरेलू एवं कामर्शियल उपभोक्ताओं के यहां अधिक बिल आने की समस्या से अब छुटकारा मिलेगा। माह भर बाद इसका सर्वे शुरू होगा। इसके बाद शहर संग अंचल में बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगने लगेगा। इससे बिजली के बिल में होने वाली गड़बड़ी पर रोक लगेगी।
जनपद में चार विद्युत वितरण खंड है। इसमें वितरण खंड प्रथम (सदर एवं पट्टी) कुंडा, लालगंज व रानीगंज शामिल है। यहां कुल साढ़े चार लाख से अधिक विद्युत उपभोक्ता हैं। इन सभी उपभोक्ताओं के यहां मीटर से बिजली का बिल निकलता है। मीटर रीडर घर-घर जाकर बिल निकालकर उपभोक्ताओं को देते हैं।
30 करोड़ रुपये बिल आता है हर माह
बिजली विभाग के मुताबिक हर माह 30 करोड़ रुपये बिजली बिल आता है। अधिकांश उपभोक्ता समय पर बिल जमा करते हैं। बिल की रीडिंग निकालने के लिए 10 हजार 192 मीटर रीडरों को जिम्मेदारी दी गई है। बिजली चोरी पर रोकथाम के लिए शासन ने नया प्रयोग किया है।
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फरवरी माह में दक्षिण भारत की जीएमआर संस्था के कर्मचारी घर-घर जाकर सर्वे करेंगे। सर्वे की रिपोर्ट विभाग में भेजने के बाद स्मार्ट मीटर लगना शुरू हो जाएगा। मीटर के लगने से अधिक बिल आना, बिल जमा होने के बाद भी बकाया दिखने आदि की समस्या स्वत: खत्म हो जाएगी।
स्मार्ट मीटर के लगने से बिजली चोरी पर भी लगाम लग सकेगी। मुख्य अभियंता (प्रयागराज मंडल) विश्वजीत अंबरदार ने बताया कि जनपद के सभी उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट लगाया जाना है। इसमें एक संस्था को सर्वे करने की जिम्मेदारी दी गई है। फरवरी माह से मीटर लगना शुरू हो जाएगा।
घर-घर रीडिंग निकालकर देंगे बिल
स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटर रीडर घर-घर बिल निकालने जाएंगे, मगर वह रीडिंग निकालने के बाद बिल उपभोक्ताओं को देंगे। वह इस बिल का भुगतान आनलाइन या फिर उपकेंद्रों पर जाकर जमा करेंगे। फिलहाल नए मीटर के लगने से कर्मचारियों की अवैध कमाई पर अंकुश भी लगेगा।
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