क्या चूड़ी, पायल, नथुनी, बिछुआ और बिंदिया बदलेगा पंचायत चुनाव का मिजाज..?
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है। वहीं चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रचार ने भी तेजी पकड़ ली है। वहीं प्रत्याशी वोटरों को रिझाने के लिए तरह-तरह के हथकड़े अपना रहे है।
ये भी पढ़ें…आधी रात नशे में धुत अजय देवगन की हुई पिटाई ! वायरल वीडियो…
मतदाताओं को रिझाने जुटे प्रत्याशी…
दरअसल प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के साथ-साथ शादी-विवाह, बहू विदाई जैसे मांगलिक आयोजन भी पड़ रहे हैं। बच्चों के जन्म के बाद वाले बरही, मसवारा व मुंडन जैसे आयोजन हमेशा की तरह पड़ ही रहे हैं।
पर, ये आयोजन चुनाव के दावेदारों के लिए मतदाताओं को रिझाने का जरिया बन गए हैं। खास बात ये है कि गांव-गांव होने वाले इस तरह के आयोजनों पर सरकारी तंत्र की खास नजर नहीं होती।
लिहाजा, दावेदार आचार संहिता से बचने के लिए नए-नए प्रयोगों के साथ व्यवहार पहुंचा रहे हैं। यह व्यवहार नकद कम कीमती वस्तुओं के रूप में ज्यादा नजर आ रहा है। कोई साड़ी गिफ्ट में दे रहा है तो कोई पायल और बिछुआ जैसे उपहार महिला वोटरों को लुभाने के लिए भेज रहा है। ये उपहार परिवार में वोटों के हिसाब से दिए जा रहे हैं. अगर वोट ज्यादा है तो व्यवहार में वजन ज्यादा हो जाता है।
बढ़ गई महिलाओं के श्रृंगार आइटम की मांग…
पर्दे के पीछे इस चुनाव में साड़ी, नथुनी, बिंदिया की धड़ल्ले से बांटने की शुरुआत हो गई है. यूपी पंचायत चुनाव में इसकी डिमांड बढ़ जाने से दुकानदारों ने स्टॉक भी बढ़ाना शुरू कर दिया है। इस समय पूरे यूपी में महिलाओं के श्रृंगार आइटम की डिमांड सबसे ज्यादा हो गई है।
नकदी बांटने की चर्चा लगभग हर चुनाव में सुनने को मिलती है, लेकिन इस बार के पंचायत चुनाव में पुराने प्रयोगों के साथ-साथ नए ‘व्यवहार’ भी शुरू किए जा चुके हैं। ऐसे में अब देखना यह है कि प्रशासन इस नए प्रचलन या व्यवहार पर कैसे काबू पाता है।
किसी न किसी रूप में चुनावी प्रलोभन
यही नहीं पंचायत चुनाव में प्रलोभन का एक रूप और नजर आ रहा है। कई जगह दावेदार बीमारी ग्रस्त लोगों के इलाज में बढ़चढ़ कर मदद कर रहे हैं। यह मदद वाहन से अस्पताल पहुंचाने, इलाज के लिए भर्ती कराने अथवा दवा आदि के लिए आर्थिक रूप में हो रहा है। आग लगने में बर्तन, कपड़ा, नकदी की मदद भी सामने आ रही है।
बताते हैं कि चुनाव के बीच इस तरह की मदद प्रत्याशी अपनी संवेदनशील छवि निखारने में कर रहे हैं। इस स्थिति में बदलाव के लिए मतदाताओं में जागरूकता व आचार संहिता पर सख्ती से अमल बहुत जरूरी है।
ये भी पढ़ें..सुहागरात पर नवविवाहित भाभी की देवर ने लूटी इज्जत, ससुरालियों ने दिया साथ…
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं…)