‘अकूत कमाई’ में फंसे यूपी बोर्ड के पूर्व निदेशक और सपा विधायक

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इलाहाबाद– यूपी में लगातार भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर शिकंजा कसता जा रहा है और इसी कड़ी में सपा के मौजूदा एमएलसी और यूपी बोर्ड के पूर्व सचिव व निदेशक वासुदेव यादव का नाम सामने आया है। वासुदेव यादव ने भी अपने कार्यकाल के दौरान, सेवानिवृत्ति के बाद अरबों की संपत्ति तैयार कर ली और अब विजिलेंस टीम उन पर शिकंजा कस रही है। 

 

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विजिलेंस की ओर से दो बार अकूत संपत्ति के मामले में नोटिस जारी हो चुकी है, लेकिन सपा विधायक लगातार नोटिस की उपेक्षा कर बीच का रास्ता ढूंढ रहे हैं। फिलहाल विजिलेंस ने तीसरी विधिक नोटिस भी तैयार कर ली है और वासुदेव यादव से संबंधित संपत्तियों की जानकारियां शासन को रिपोर्ट की गई है। यूपी के कई जिलों से यादव संपत्तियों का ब्योरा मिल चुका है। यादव के नाम इलाहाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, कौशांबी, लखनऊ, कानपुर, बनारस, आगरा सहित अन्य शहरों में करोडों की प्रॉपर्टी है। इतना ही नहीं यादव ने अपने परिवार के नाम पर भी ढेरों संपत्तियां बना रखी हैं। शासन से शिकायत के बाद लगातार इस मामले पर विजिलेंस टीम अपना शिकंजा कस रही है और एक महीने में ही लगातार दो नोटिस जारी की जा चुकी है। नोटिस में लगे आरोपों का वासुदेव यादव ने जवाब नहीं दिया है और वो अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल कर मामले को दबाने में जुटे हैं। 

बताया जा रहा है कि वासुदेव यादव के सेवाकाल व रिटायरमेंट की एक्सपर्ट टीम ने धनराशि का आंकलन किया है उसके बाद उसमें 10 फीसद अतिरिक्त आमदनी का ब्यौरा भी डाला, लेकिन इसके बावजूद भी करोड़ों की संपत्ति वासुदेव यादव के नाम है। विजिलेंस टीम ने यूपी के अलग-अलग जिलों की तहसीलों से वासुदेव यादव के नाम दर्ज प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड भी एकत्रित कर लिए हैं और इनके नाम दर्ज रिकॉर्ड काफी चौकाने वाले हैं। जिसमें उनके भ्रष्टाचार का सारा कच्चा-चिट्ठा खुद-ब-खुद नजर आ रहा है। ऐसे में सपा विधायक व पूर्व निदेशक यूपी बोर्ड वासुदेव की अब मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।

 

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