प्रशासन की तुगलकी कार्यवाई, विधवा की झोपड़ी में लगाई आग
प्रतापगढ़ — जिले के अंतरसन गांव के नवाबाद में तहसील प्रशासन द्वारा राजस्वकर्मियों की मौजूदगी में जेसीबी लगाकर प्रधानमंत्री आवास को जमीदोज कर दिया गया। इतना ही नही इसी से सटी हुई भूमिहीन विधवा की झोपड़ी को भी आग के हवाले कर दिया गया। इसी झोपड़ी की आग में गृहस्थी का पूरा समान तो जला ही, बेटी की शादी के लिए जमा किया दहेज के समान भी जल गया। इस घटना के बाद से विधवा कमरुन्निशा सदमे में है। कार्यवाई के दौरान भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा।
बताया जाता है कि अतरसन गांव में लगभग 35 साल पहले ग्राम समाज और बंजर पर आबाद हुआ नवाबाद में ही विधवा कमरुन्निशा भी कच्ची दीवार पर छप्पर डाल कर आबाद थी, जिसकी गरीबी देख गांव के प्रधान ने उसे शौचालय और प्रधानमंत्री आवास दे दिया था। जो अभी कुछ ही दिन पहले तैयार हुआ था कि बीती शाम राजस्वकर्मियों ने इसे ध्वस्त कर दिया। इलाके के लेखपाल शिवशंकर सिंह पर आग लगाने का आरोप लग रहा है।
इलाके के लेखपाल लगाया आरोप
पीड़ितों का आरोप है कि लेखपाल ने कहा था पड़ोसी गांव मदफ़रपुर के प्रधान विपिन जायसवाल उर्फ सोनू जायसवाल से मिल लो तो तुम्हारा घर बच जाएगा। जिसके बाद पीड़ित सोनू से भी मिला लेकिन न तो प्रधानमंत्री आवास बचा न ही स्वच्छता मिशन का शौचालय और न मौसम की मार से राहत देने वाली झोपड़ी। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर भारी भीड़ भी जमा हो गई जिसे पुलिसकर्मी डंडा फटकार कर भगाते रहे। बताया जा रहा है कि मदाफ़रपुर प्रधान सोनू जायसवाल सांसद संगमलाल गुप्ता का बेहद करीबी है।
इसी रसूख के चलते एसडीएम द्वारा कार्यवाई की गई। बाकायदा पत्र लिखकर पुलिस फोर्स की भी डिमांड एसडीएम पट्टी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने की थी।भूमिहीन विधवा का बेटा रिक्शा चलाकर परिवार की गाड़ी खींचता है। इस तुगलकी कार्यवाई से कमरुन्निशा का परिवार भुखमरी और खुले आसमान के नीचे आ गया। घटना से नाराज पीड़ित के साथ ग्रामीण भी जिलाधिकारी कार्यालय पहुचे न्याय की खातिर लेकिन मुख्यालय पर जिलाधिकारी मौजूद नही मिले।
बड़ा सवाल ये है प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबो को आवास उपलब्ध कराना है, लेकिन उसको भी सरकार के नुमाइंदे नही बक्स रहे है जबकि जिले में ग्राम समाज और सरकारी जमीनों पर रसूखदार दबंगो ने पूरी तरह से कब्जा कर रखा है यहा तक कि शहर के बगल नदी किनारे बन रहे पिकनिक स्पॉट प्लाटिंग कर बेचा जा रहा है, शहर का एक मात्र मोहताजखाना ट्रस्ट जिसका अध्यक्ष स्वयं जिलाधिकारी था बिक गया, आर्यसमाज का कन्या विद्यालय भी भूमाफियाओं ने जमीदोज कर दिया।
प्राथमिक विद्यालय चिलबिला की जमीन तक बिक गई लेकिन प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा और कोई भी कार्यवाई करने की हिम्मत नही जुटा पाया प्रशासन, इस गांव की भी पूरी आबादी ग्रामसमाज और बंजर पर ही बसी है और बड़े मकान भी है। कही ऐसा तो नही की सरकारी संस्थानों को भगवा रंग में रंगते रंगते प्रशासन भी वैचारिक रूप से भगवाधारी तो नही हो गया। हालांकि इस बाबत कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नही है।
(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)