अटल जी की प्रथम पुण्यतिथि पर विशेषः इंटरनेट पर चुनाव प्रचार करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे अटल
लखनऊ– चुनाव प्रचार में आज फ़ेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल आम बात है। देश के दिग्गज राजनेताओं से लेकर आम कार्यकर्ता तक इंटरनेट पर इसका उपयोग करते हैं।
लेकिन यह तथ्य कम लोगों को मालूम होगा कि आज से क़रीब बीस साल पहले जब इंटरनेट अपने शुरूआती दौर में था तब देश के लोकप्रिय राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने लखनऊ में अपने चुनाव प्रचार के लिए पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल किया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी तब के संसदीय चुनाव में अकेले ऐसे उम्मीदवार थे जिनका प्रचार न केवल रीयल बल्कि इंटरनेट के वर्चुअल माध्यम से भी किया गया था। 27.7.1999 को उनके चुनाव प्रचार पर केंद्रित एक वेबसाईट VoteForAtal.Com का उद्घाटन उप्र के भाजपा मुख्यालय पर भाजपा नेता फ़िल्म स्टार विनोद खन्ना ने किया था। संयोग से चुनाव प्रचार के लिए लखनऊ आए नरेन्द्र मोदी भी तब उप्र भाजपा कार्यालय पर मौजूद थे।
करदाताओं के हितों व सरकार के नीतिगत विषयों पर काम करने वाले ग्लोबल टैक्सपेयर्स ट्रस्ट के अध्यक्ष व राजधानी लखनऊ के समाजसेवी मनीष खेमका ने इस वेबसाईट की कल्पना और निर्माण किया था जिसे तब जबरदस्त मीडिया कवरेज और सराहना मिली थी। राजनीति में इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के रचनात्मक उपयोग में अग्रणी रहे खेमका बताते हैं “जिस दिन इस वेबसाईट का उद्घाटन उप्र के भाजपा मुख्यालय पर प्रस्तावित था, संयोग से नरेंद्र मोदी भी उस वक़्त वहाँ मौजूद थे। उनके प्रशंसक के नाते मैने अटल जी के चुनाव प्रभारी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पत्रिका राष्ट्रधर्म के तत्कालीन संपादक वीरेश्वर द्विवेदी से मोदी जी से इस वेबसाईट का उद्घाटन करवाने का अनुरोध किया था। मोदी ने अच्छे मीडिया कवरेज के लिए किसी चर्चित चेहरे या प्रदेश के किसी बडे नेता से इसे क्लिक करवाने की सलाह दी। फिर फ़िल्म स्टार विनोद खन्ना का नाम तय हुआ जो तुरंत ही वहाँ पहुँचे थे। मोदी जी की सलाह के मुताबिक़ अटल जी पर वेबसाईट लाँच की खबर समेत हम सब अगले दिन अख़बारों में छाए हुए थे। आज डिजिटल इंडिया की बात हो रही है लेकिन तब इंटरनेट का इस्तेमाल कम लोग करते थे। लेकिन अटल जी की वेबसाईट को मेरी उम्मीद से भी ज़्यादा लोगों ने देखा और पसंद किया।”
इस सराहना और समर्थन से उत्साहित हो कर तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सिंचाई, उच्च शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री ओम प्रकाश सिंह के लिए भी एक Complain Redressal Portal की सफल कल्पना और निर्माण खेमका ने किया था। जिसका उद्घाटन 7 नवंबर 2000 को ख़ुद सिंचाई मंत्री ने किया था। तब उप्र में किसी भी नेता की कोई वेबसाईट या इंटरनेट पर सक्रियता नहीं थी। इसके कारण इंडिया टुडे समेत देश की शीर्ष पत्र पत्रिकाओं ने ओम प्रकाश सिंह को “उप्र के सर्वप्रथम साइबर नेता” की उपाधि से नवाज़ा था।
मनीष खेमका ने कहा “अब से करीब बीस वर्ष पहले फेसबुक या ट्विटर का नामो निशान नहीं था। आज यह बात मामूली लग सकती है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बीस करोड लोगों में तब यह इनोवेटिव बात, आदरणीय अटल जी के कारण सबसे पहले और अकेले मैने ही सोची यह मेरे लिए गौरव का विषय है।” उन्होंने कहा अटल बडे नेता के साथ ही बडे दिलवाले नेता भी थे। उनके नि:स्वार्थ स्नेह, व प्रेरणा से ही वे यह करने ही हिम्मत जुटा पाए जो अंतत: सफल भी रहा। अटल जी के देहांत पर टाईम्स ऑफ़ इंडिया ने श्रद्धांजलि स्वरूप अटल जी से जुड़ी यह स्टोरी दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता, बैंगलोर समेत देश भर के अपने सभी संस्करणों में प्रकाशित की थी। साथ ही दैनिक जागरण, हिंदुस्तान, अमर उजाला समेत देश के सभी शीर्ष समाचार पत्रों ने समय-समय पर प्रमुखता से इसका उल्लेख किया है। ग़ौरतलब है खेमका ने लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड से भी इस उपलब्धि को अटल जी के नाम पर दर्ज करने का अनुरोध किया है।
(लेख-मनीष खेमका, समाजसेवी)