यूपी बोर्ड में बड़ा खुलासा, परीक्षार्थियों के आंकड़ों में हुई जमकर ‘घपलेबाज़ी’ !
फर्रुखाबाद–यूपी बोर्ड की परीक्षा में एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की हाईस्कूल वइंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान डीआईओएस कार्यालय की ओर से बोर्ड की वेबसाइट पर फीड किए गए आंकड़ों और बोर्ड की ओर से जारी परिणाम के आंकड़ों में बड़ा विरोधाभास है।
परीक्षा के दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार इंटरमीडिएट में 16,426और हाईस्कूल में 22,931 छात्रों ने प्रतिभाग किया। जबकि बोर्ड की ओर से घोषित परीक्षा परिणाम के अनुसार कुल19,001 ने इंटरमीडिएट की और23,185 छात्रों ने हाईस्कूल की परीक्षा दी। सवाल यह है कि परीक्षा छोड़ चुके 2603इंटरमीडिएट के और 256हाईस्कूल के परीक्षार्थी आखिर परीक्षा में कब शामिल हो गए। फिलहाल शिक्षा विभाग के अधिकारी जांच की बात कह कर पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के रिकार्ड के अनुसार परीक्षा के दौरान यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड सूचना में इंटरमीडिएट में कुल 21,445छात्र पंजीकृत थे, जिसमें से5019 ने परीक्षा छोड़ दी। शेष16426 छात्रों ने पूरी परीक्षा दी। जबकि बोर्ड की ओर से घोषित परिणाम के अनुसार 11927छात्र व 9490 छात्रओं के सापेक्ष कुल पंजीकरण 21417 का रहा। इनमें से 10332 छात्रों व 8669 छात्राओं सहित कुल 19001बच्चों ने परीक्षा दी। वहीं परीक्षा के दौरान हाईस्कूल में पंजीकृत 27215 छात्रों में से 4284 छात्र परीक्षा छोड़ गए थे। जबकि बोर्ड की ओर से घोषित परिणाम के अनुसार 27213 छात्र पंजीकृत थे जिनमें से 23185 ने परीक्षा दी। इस प्रकार परीक्षा और परिणाम के बीच इंटरमीडिएट के 2603 और हाईस्कूल के 256छात्रों सहित कुल 2859 छात्र बढ़ गए।
महत्वपूर्ण बात यह है कि परीक्षा के दौरान शामिल होने व परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों की संख्या की यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन फीडिंग की गई थी। इसकी हार्ड कॉपी भी कार्यालय में उपलब्ध है। इसलिए अब इस रिकार्ड में परिवर्तन भी जनपद स्तर से संभव नहीं है।जब परीक्षा चल रही उस समय 7 फरवरी को जिलाविधालय निरीक्षक ने कहा था कि अभी तक नकल विहीन परीक्षा में हाईस्कूल व इंटर में आठ हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी है।जिला विद्यालय निरीक्षक कमलेश बाबू ने बताया कि वह मामले की जांच कराएंगे। देखना पड़ेगा कि यह त्रुटि किस स्तर से हुई है।
वही खनन व आवकारी मंत्री अर्चना पांडेय ने कहा कि सरकार ने नकल विहीन परीक्षा इसलिए कराई है जिससे पारदर्शिता बनी रहे यदि विना परीक्षा दिए जो भी पास किये गए है उनकी जांच कराई जायेगी।वही कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि योगी जी व शिक्षा मंत्री को बधाई दूँगा की उन्होंने इस प्रकार से परीक्षा कराकर यह साबित कर दिया है कि गांव का बच्चा भी अब अधिकारी बनेगा जैसे पहले होता था कि हुजूर का बेटा हुजूर बनेगा लेकिन अब मजदूर का बेटा हुजूर बनेगा।रही बात विना परीक्षा पास किये जाने ऐसा नही हुआ है सब सही है।
पढ़ने वालों छात्र आशीष कुमार ने कहा कि हम लोग मेहनत करके पढाई करते है लेकिन बोर्ड द्वारा विना परीक्षा दिए ही 2800 छात्र पास कर देने का मतलब है कि पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य से खिलबाड़।छात्र अभिषेक यादव का कहना है कि भाजपा सरकार में भी नकल माफियाओं के राज है उन्होंने रुपया लेकर विना परीक्षा दिए ही उनको पास करा दिया है।यह कार्य बहुत ही गलत है।शिक्षक सिरीश दुवे का कहना है कि जिस प्रकार से यूपी बोर्ड ने परीक्षा छोड़ने वालो पास किया है वह मेहनत करने वालो छात्रों को महंगा पड़ सकता है।जिन लोगो ने इस कार्य को अंजाम दिया है उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।
(रिपोर्ट – दिलीप कटियार , फर्रुखाबाद)