घर मे घुसकर तेंदुए ने तीन पर किया हमला , दो की हालत गंभीर
बहराइच — ककरहा रेंजके भीमनगर खैरी गांव में शावकों के साथ पहुंची मादा तेंदुआ ने ताबड़तोड़ तीन हमले कर महिला समेत तीन लोगों को लहूलुहान करदिया। युवक व अधेड़ ने पांच मिनट तक संघर्ष किया। जैसे-तैसे जान बची।
सभी को सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किया गया है। हालत काफी नाजुक बताई जा रहीहै। उधर घटना की सूचना पाकर गांव पहुंची वन विभाग की टीम को घेरकर ग्रामीणों ने खरी-खोटी सुनाई। झड़प भी हुई। गांव में घटना के बाद से आक्रोश है। वहीं ग्रामीण दहशत में भी हैं।
कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र से सटे गांवों में बाघ और तेंदुए के ताबड़तोड़ हमलेबढ़ हैं।गुरुवार दोपहर में ककरहा रेंजके भीमनगर खैरी गांव के लोग दोपहर एकबजे के आसपास अपने घर में मौजूद थे। इसी दौरान मादा तेंदुआ दो शावकों के साथ गांव में पहुंच गई। वो गांव निवासी जयकिशन के घर के सामने पहुंचकर दहाड़ी तो परिवार के लोग सकते में आ गए। आंगन में मौजूद जयकिशन ने मकान का किवाड़ बंदकर शोर मचाया। जवाब में गांव के लोगों ने भी हाका लगाना शुरू किया। इस पर वो शावकों के साथ रूपनरायन (58) पुत्रकंधई के घर में घुस गई। यहां बरामदे में मौजूद रूपनरायन पर हमला कर लहूलुहान कर दिया।चीख सुनकर घर के लोग दौड़े।
उधर गांव के लोग भी एकत्रित होने लगे। इस दौरान रूपनरायन ने उसका सामना किया। मौके पर पहुंचे पड़ोसी अनिल (25) पुत्रशिव प्रसाद पर भी तेंदुआ शावकों केसाथ झपट पड़ी। रूपनरायन और अनिल पांच मिनट तक संघर्ष करते रहे।ग्रामीणों की भीड़ और शोर सुनकर आगे बढ़ी तो घर के सामने धूप सेंक रही लखमीना (40) पत्नी तूफानी परहमला कर दिया। किसी तरह ग्रामीणों ने लखमीना की जान बचाई। इसके बाद वो शावकों के साथ गन्ने के खेत में घुस गई।
हमले की सूचना ग्रामीणों ने रेंज कार्यालय पर दी वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र मौर्या टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो उन्हें ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। वन विभाग पर सुरक्षा मुहैया न कराने का आरोप मढ़ा। तीखी झड़प हुई। जैसे-तैसे मामला शांत हुआ। आनन-फानन में सभी घायलों को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोतीपुर पहुंचाया गया। यहां पर प्राथमिक उपचार के दौरान डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखकर उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
ग्रामीण बोले वन विभाग सिर्फ निभाता है औपचारिकता
तेंदुए के हमले की सूचना पाकर वन विभाग की टीम गांव पहुंची तो ग्रामीण संघर्ष के मूड में दिखे। किसी तरह स्थिति को काबू में किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन बाघ और तेंदुओं के फर्जी शिकार के मामले में वन विभाग की ओर से फंसाया जाता है। लेकिन सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।
रिपोर्ट-अनुराग पाठक