आधार कार्ड के नाम पर यूपी में अब तक का सबसे बड़ा अनाज घोटाला

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न्यूज डेस्क — उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कराई गई आंतरिक जांच में एक बेहद चौकाने वाला खुलासा हुआ है. डिजिटल इंडिया के दौर में आधार कार्ड के नाम पर हुए इस घोटाले से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। 

दरअसल अधिकारियों ने दलालों की मिलीभगत से आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर 43 जिलों के गरीबों के अनाज को ही घोटालेबाज डकार गए. खाद्य आयुक्त आलोक कुमार की ओर से कराई गई जांच में पता चला कि घोटालेबाजों ने पारदर्शिता लाने के लिए लागू की जा रही कंप्यूटराइज्ड तकनीक में ही सेंध लगाकर यह गड़बड़ी की है.

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करोड़ों के खाद्यान गबन का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है. अब सवाल यह उठ रहा है कि 43 ज़िलों के डीएसओ, एआरओ और इंस्पेक्टर पर गाज कब गिरेगी? चौकान वाली बात तो यह है कि घोटाला उन जगहों पर हुआ है, जहां इलेक्ट्रॉनिक पीओएस (इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ़ सेल) की व्यवस्था है. घोटालेबाजों ने पीओएस मशीन के सहारे पूरे गबन के खेल को अंजाम दिया. सभी 43 जिलों में अब एफआईआर के बाद मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.

मामले का खुलासा तब हुआ जब जांच में पाया गया कि 43 ज़िलों में 859 आधार कार्ड का 1 लाख 80 हज़ार से ज्यादा बार गलत इस्तेमाल किया. यही नहीं एक आधार कार्ड का 1 हजार से लेकर 2 हजार बार तक इस्तेमाल किया गया. जांच से यह भी पता चला कि कोटेदारों ने तकनीकी ऑपरेटरों से मिलकर वास्तविक लाभार्थी के डाटाबेस में दर्ज उसके आधार संख्या को एडिट कर किसी अन्य व्यक्ति की आधार संख्या को फीड कर दिया. फिर इस अन्य व्यक्ति के अंगुलियों के निशानों का इस्तेमाल कर स्टॉक से अनाज निकाल लिया गया. ट्रांजेक्शन प्रक्रिया पूरी होने के बाद वास्तविक लाभार्थी के आधार संख्या को फिर उसके डाटाबेस में अपडेट कर दिया गया.

बता दें कि शासन से 21 अगस्त को इस तरह की गड़बड़ी पर कार्रवाई के लिए पत्र आया था, जिसमें जिक्र किया गया, ’43 जिलों में आधार से संचालित पीओएस मशीनों में वास्तविक लाभार्थियों के आधार डेटा के साथ छेड़खानी की गई. 43 जिलों में से फर्जीवाड़े के सबसे ज्यादा मामले इलाहाबाद (37,500), मेरठ (27,000), मुजफ्फरनगर (19,000), गाजियाबाद (16,500) और नोएडा से (16,000) सामने आए.

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