नए किसान कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक !

सुप्रीम कोर्ट ने बनाई 4 लोगों की कमेटी...

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सुप्रीम कोर्ट ने नए किसान कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है.इतना ही नहीं कोर्ट ने बातचीत के जरिए मसले के हल के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है. हालांकि, सुनवाई के दौरान किसान संगठनों के रुख पर कोर्ट थोड़ा निराश नजर आया.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कल ही यह संकेत दे दिए थे कि वह नए किसान कानूनों का अमल रोक देगा. कोर्ट ने कहा था कि वह बातचीत को लेकर एक सकारात्मक माहौल बनाना चाहता है. कोर्ट नहीं ऐसा ही किया. आज कमेटी के सदस्यों के नाम समेत आम नागरिकों के लिए रास्ता खाली करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होनी थी. लेकिन आंदोलनकारी संगठनों के वकील कोर्ट में पेश ही नहीं हुए.

आंदोलनकारी संगठनों की तरफ वकील हुए पेश

सोमवार को हुई सुनवाई में आंदोलनकारी संगठनों की तरफ से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, एच एस फुल्का और कॉलिन गोंजाल्विस पेश हुए थे. कोर्ट ने उनसे कहा था कि वह उन्हें कानूनों पर रोक लगाने के पीछे उसकी भावना की जानकारी आंदोलनकारियों को दें.

बातचीत को लेकर उनका रुख बताएं. कमेटी के सदस्यों के नामों पर सुझाव दें और आंदोलन से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को हटाने को लेकर भी संगठनों को समझाएं. इन वकीलों को आज कोर्ट जानकारी देनी थी कि किसान संगठन इस मसले पर क्या सोचते हैं. लेकिन यह चारों वकील कोर्ट में पेश नहीं हुए.

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कोर्ट ने बनाई 4 लोगों की कमेटी

कोर्ट ने कमेटी के सदस्य के तौर पर 4 लोगों को शामिल किया है. यह लोग हैं- भारतीय किसान यूनियन नेता भूपिंदर सिंह मान, महाराष्ट्र के शेतकरी संगठन के नेता अनिल घनवटे, कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी और खाद्य नीति विशेषज्ञ प्रमोद जोशी.

कोर्ट के आदेश के 4 मुख्य बिंदु हैं …

* नए कानूनों के अमल पर रोक
* फिलहाल MSP व्यवस्था बनी रहे. ज़मीन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
* 4 सदस्यीय कमेटी 10 दिन में काम शुरू करे. इसके 2 महीने में रिपोर्ट दें
* अगली सुनवाई 8 हफ्ते बाद

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