दोनो पैरों से दिव्यांग इस छात्र ने पेंटिंग ब्रश से भरे अपनी ज़िंदगी में रंग

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अलीगढ– मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलो से उड़ान होती है…। इस पंक्तियों को अलीगढ के दोनो पैरों से दिव्यांग एक छात्र ने चरितार्थ करके दिखा दिया है। 

 

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अलीगढ जनपद के थाना गोंडा क्षेत्र के गंवा बसई निवासी छात्र जीतेन्द्र के माता,पिता और ग्यारह भी बहन है,परिवार में पिता सालों से बीमार रहते है वही परिवार बुरी तरह से आर्थिक संकट से गुजर रहा है,बचपन मे ही जीतेन्द्र के दिनों पैरों को पोलियो हो गया और उसका बैसाखी के बिना चलना सम्भव नही रह।लेकिन उसने रिस्तेदारों ओर परिवार की मदद से अपनी शिक्षा जारी रखी ओर छात्र ने चित्र कला विषय को चुना ओर महानगर के धर्म समाज महाविद्यालय में ग्रेजुएशन के लिए चित्रकला विभाग में प्रवेश लिया और अपनी अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। इतना ही नही जितेंद्र ने सामाजिक बुराइयों को मिटाने वाले मुद्दों को ही चुना और बेटी बचाओ,स्वच्छ भारत मिशन,नारी सशक्तिकरण, कन्या भ्रूण बचाओ जैसे विषयों पर मन – मस्तिष्क को झकझोर देने बाली पेंटिंग बनायीं और कालेज सहित कई स्थानों पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। बेहद गरीबी में पले धर्मसमाज महाविद्यालय में चित्रकला विषय में ग्रेजुएशन में पढ़ने वाले छात्र जितेंद्र ने चित्रकला में 7 अवार्ड जीतकर इतिहास रच दिया है। वही कॉलेज प्रशासन और साथी छात्रों को भी अपने साथी की इस कामयावी बार नाज है। साथ ही कॉलेज प्रशासन व छात्रनेता भी इस होनहार छात्र की हर सम्भव मदद के लिए भी उसके साथ खड़े है। इतना ही नही इस बार छात्र की पेंटिंग का प्रदर्शन अलीगढ में चल रही प्रदर्शनी में भी किया जायेगा। इस छात्र ने शिक्षक बन अपनी कला से समाज के मार्गदर्शन करने की ठान रखी है।

इस होनहार छात्र के अध्यापकों का भी कहना है कि-‘जीतेन्द्र हमारे कालेज की होनहार प्रतिभा है,वह बड़ा ही सौम्य व्यवहार व्यक्त्वि का धनी है और वह कभी भी अपने आपको मजबूर नही समझता ओर हर जगह प्रतिभाग करता है उसके अंदर खुद कर गुजरने की क्षमता है और करता भी है।हम उसकी हर सम्भव मदद करेंगे और आगे भी शासन प्रशासन से भी पूर्ण मदद करायेंगे।’

रिपोर्ट -पंकज शर्मा , अलीगढ 

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