मिट्टी खनन में रॉयल्टी खत्म करने पर लगी मुहर, पुलिस नही कर सकेगी हस्तक्षेप
लखनऊ– उत्तर प्रदेश मिट्टी खनन में रॉयल्टी खत्म करने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के दूसरे ही दिन कैबिनेट ने इस पर मुहर भी लगा दी। मंगलवार को उप्र उपखनिज (परिहार) नियमावली, 1963 में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में लाया गया, जिसे मंजूरी दे दी गई है।
अभी साधारण मिट्टी के खनन पर 30 रुपये प्रति घन मीटर की दर से रॉयल्टी निर्धारित है। कैबिनेट बैठक में कुल सात फैसले हुए। सरकार ने साधारण मिट्टी के इस्तेमाल में आम जनता को आ रहीं कठिनाई को दूर करने के लिए यह फैसला किया है। मिट्टी खोदाई के लिए कोई सीमा नहीं तय की गई हैं।
पुलिस को मिट्टी खनन के मामलों में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं होगा। सरकार के इस फैसले का लाभ खासतौर पर किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिलेगा जो अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए मिट्टी की खोदाई करने के लिए मजबूर हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपनी सरकार की पहली सालगिरह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में साधारण मिट्टी से रॉयल्टी खत्म किये जाने की घोषणा की थी।
मिट्टी तेल की फुटकर बिक्री के लाइसेंस खत्म
कैबिनेट ने प्रदेश में मिट्टी तेल की फुटकर बिक्री के लाइसेंस खत्म करने का फैसला किया है। प्रदेश में ऐसे फुटकर लाइसेंस धारकों की संख्या लगभग 3900 है जिन्हें सरकार सरकारी राशन की दुकानों के आवंटन में प्राथमिकता देगी, बशर्ते वे सभी मानक पूरे करते हों। मिट्टी तेल की फुटकर बिक्री के लाइसेंस धारक ज्यादातर शहरी क्षेत्र में हैं।
इन लाइसेंस धारकों के जरिये अधिकतर एपीएल राशन कार्डधारकों को मिट्टी तेल मिलता था। राशन कार्ड में एपीएल श्रेणी खत्म किये जाने के बाद से इन लाइसेंस धारकों की बिक्री ना के बराबर रह गई थी। लिहाजा सरकार ने मिट्टी तेल बिक्री के फुटकर लाइसेंस को खत्म करने का फैसला किया है।
सरकार अब राशन की दुकानों के आवंटन के लिए लॉटरी निकालेगी तो उसमें इन लाइसेंसधारकों को छूट दी जाएगी। शर्त यह होगी कि उन्हें राशन दुकानों के आवंटन के मानकों की कसौटी पर खरा उतरना होगा।
कम होगी परियोजनाओं की लागत
कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण फैसला करते हुए नये भूमि अधिग्रहण कानून के तहत सरकार की ओर से अर्जित की जाने वाली जमीन पर प्रशासनिक व्यय को भूमि के मूल्य के तीन प्रतिशत से घटाकर ढाई प्रतिशत करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
इससे परियोजनाओं की लागत में भूमि के मूल्य के आधे प्रतिशत के बराबर कमी आएगी। बीती 25 जनवरी को केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ लखनऊ में हुई बैठक में यह कहा था कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) जब भूमि का अधिग्रहण करता है तो उसमें प्रशासनिक व्यय ढाई प्रतिशत लगता है। केंद्र सरकार की नीति से समानता लाने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है।