प्रतापगढ़– सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जिले में कमाई का जरिया बन गई है । जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत प्रसूताओं को निःशुल्क पौष्टिक भोजन दिलाने की सरकार की मंशा पर जिम्मेदार पानी फेर रहे है ।
इस योजना के तहत हरदोई की फर्म मेसर्स शैलेन्द्र प्रताप, नेवादा पचौली को टेंडर दिया गया था। टेंडर के बावजूद सोलह दिसम्बर से प्रसूताओं को भोजन नही दिया जा रहा । एक माह बाद कुम्भकर्णी नींद से सीएचसी के अधीक्षक जागे तो तेरह जनवरी को सीएमओ को इस आशय का पत्र लिख कर अवगत कराया। इस बाबत हमने जब सीएमओ से जानकारी तो बताया कि फर्म ओनर के पिता विमार थे जिसके चलते भोजन नही दिया गया और हमने टेंडर निरस्त कर पहले वाली फर्म को जिम्मेदारी ग्यारह जनवरी को ही दे दी थी।
गौरतलब है कि ग्यारह जनवरी को सीएमओ ने खाने की आपूर्ति कर्ता फर्म बदल दिया और तेरह जनवरी दो हजार बीस को सीएमएस ने पत्र लिखकर सूचित किया। इस पूरे घटनाक्रम में प्रसूताओं को एक माह से अधिक तक भोजन ही नही उपलब्ध कराया गया।
(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)