…तो इसलिए खास है कार्तिक पूर्णिमा
मान्यता है कि इस दिन गंगास्नान या स्नान करने से सात जन्म के पापों का नाश हो जाता है
लखनऊ — भगवान विष्णु को प्रिय कार्तिक मास की पूर्णिमा मंगलवार 12 नवंबर यानी कल है। कार्तिक मास को पुण्य मास माना जाता है। इससे कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान व दान का खास महत्व है।
ज्योतिषाचार्यों की माने तो कार्तिक पूर्णिमा पर महालक्ष्मी ,केदार और वेशि योग का संयोग बन रहा है। चंद्रमा से मंगल के सप्तम भाव में रहने से महालक्ष्मी योग बनेगा। सभी ग्रहों के चार स्थानों पर रहने से केदार योग और सूर्य से द्वितीय भाव में शुभ ग्रह शुक्र के रहने से वेशि योग का संयोग है। मान्यता है कि कुश लेकर इस तिथि पर गंगास्नान या स्नान करने से सात जन्म के पापों का नाश हो जाता है। चर्मरोग व कर्ज से मुक्ति मिलने के साथ वैवाहिक संबंधों में आने वाली परेशानियां भी दूर होती हैं।
भगवान विष्णु ने लिया था मत्स्य अवतार
-कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु चतुर्मास के बाद जाग्रत अवस्था में होते हैं।
-भगवान विष्णु ने इसी तिथि को मत्स्य अवतार लिया था।
-मत्स्य अवतार लेकर सृष्टि की फिर से रचना की
-राक्षस त्रिपुरासूर का संहार किया
-त्रिपुरासूर वध को लेकर देवताओं ने मनायी थी देव दीपावली
-भागवत पुराण के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण ने रास रचायी थी
– इसके अलावा सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्मदिन