तो क्या सिलेक्टर्स ने विराट की बातों को कर दिया था नजरअंदाज ,चौकाने वाली रिपोर्ट

टीम इण्डिया की टी 20 वर्ल्ड कप टीम की घोषणा एक  सप्ताह पहले ही हो गयी थी लेकिन अभी भी टीम कॉम्बिनेशन को लेकर कुछ भी तय नहीं हो पाया है।

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टीम इण्डिया की टी 20 वर्ल्ड कप टीम की घोषणा एक  सप्ताह पहले ही हो गयी थी लेकिन अभी भी टीम कॉम्बिनेशन को लेकर कुछ भी तय नहीं हो पाया है।

आईपीएल के दूसरे चरण की शुरुआत के साथ ही खिलाडियों के प्रदर्शन को लेकर क्रिकेट एक्सपर्ट्स और प्रशंसकों के बीच चर्चा गर्म है। दूसरे चरण में  कुछ खिलाडियों का प्रदर्शन औसत से काफी खराब रहा है जिसको लेकर टीम मैनेजमेंट के माथे पर चिंता की लकीरे साफ़ दिख रही है। वर्ल्ड कप  टीम में मिडिल आर्डर बल्लेबाज के रूप में चुने गए सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन दोनों का प्रदर्शन दूसरे चरण में काफी खराब रहा है। उनकी खराब फॉर्म भारतीय टीम के वर्ल्ड कप अभियान के पहले चिंता का सबक बनी हुई  है।

खिलाडियों के चुनने में विराट से ऊपर रोहित को दी गयी तरजीह:

वही  टीम सिलेक्शन  को लेकर अब एक नई बात सामने आ रही है। क्रिकेट जगत से जुड़े कुछ एक्सपर्ट्स का  मानना है कि चुनी गयी वर्ल्ड कप  टीम में कप्तान विराट कोहली से ज्यादा उपकप्तान रोहित शर्मा की बातों को महत्व दिया गया हैं। एक्सपर्ट्स  का मानना है कि सिलेक्टर्स ने रोहित की बातों को विराट से ज्यादा  तरजीह दी जिसका सीधा प्रभाव टीम सिलेक्शन में भी देखने को मिला। ऐसा सुनने को आया है की विराट कुछ खिलाडियों को टीम में लेना चाहते थे लेकिन रोहित उन खिलाडियों को टीम में शामिल कराये जाने के पक्ष में  नहीं थे।

 वनडे और टी 20 की कप्तानी छोड़ने के लिए बीसीसीआई ने विराट पर बनाया दबाव :

क्रिकेट जगत में इस बात को लेकर मुद्दा गर्म है कि बीसीसीआई पहले से ही चाहती थी कि विराट सीमित ओवरों के खेल में कप्तानी छोड़ दें इसके लिए करीब 6  महीने पहले से ही बीसीसीआई के आला अधिकारियों और विराट में बातचीत चल रही थी। गौरतलब हैं कि विराट ने अभी कुछ दिन पहले अपने सोशल मिडिया के माध्यम से आगामी वर्ल्ड कप के बाद क्रिकेट सबसे छोटे फॉर्मेट से कप्तानी छोडने का फैसला किया है। उनके इस फैसले ने क्रिकेट प्रेमियों को चौंका के रख दिया था। कुछ ने उनके इस फैसले का सम्मान किया तो कुछ ने विरोध भी किया।

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विराट पर सीमित  ओवरों में कप्तानी छोडने का दबाब पहले से ही था। धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद विराट ने जब टीम की कमान संभाली तो उसके बाद पिछली तीन आईसीसी ट्रॉफी में टीम की हार हुयी है। विराट की कप्तानी में टीम इण्डिया सबसे पहले चैंपियंस ट्रॉफी के फ़ाइनल में पाकिस्तान से हारी उसके बाद 2019 में वर्ल्ड के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड में मिली हार से भारत का एक बार फिर वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना टूट गया। इस साल इंग्लैंड में आयोजित वर्ल्ड टेस्ट चैंपियंसशीप के फाइनल में एक बार फिर न्यूज़ीलैंड के ही हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा। इन तीन महत्वपूर्ण मौकों पर मिली हार के बाद से ही  विराट की कप्तानी पर सवाल उठने शुरू हो गए थे।

कप्तानी के बढ़ते वर्कलोड के चलते व्यक्तिगत प्रदर्शन में भी आई गिरावट :

पिछली दो सालों से विराट के व्यक्तिगत प्रदर्शन में भी काफी गिरावट आई है। अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 70 शतक जड़ देने वाले विराट पिछले दो सालों से एक भीं शतक नहीं बना पाए है।इसलिए अब उनकी बैटिंग पर काफी सवाल उठ रहे है।अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन के कारण उन्हें काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि तीनों फॉर्मेट में कप्तानी के बढ़ते दबाब का सीधा प्रभाव विराट के व्यक्तिगत प्रदर्शन पर भीं पड़ रहा है।

 

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