…तो इसलिए ‘हरियाली तीज’ पर हरे रंग का श्रृंगार करती हैं महिलाएं

0 17

न्यूज डेस्क– आज हरियाली तीज है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज या हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। यह त्यौहार व्रत के रूप में लगभग पूरे उत्तर भारत में मनाया जाता है जिसमें विवाहित महिलाएं भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं।

इस व्रत को करवाचौथ के व्रत से भी ज्यादा कठिन माना जाता है क्योंकि इस व्रत को रखने वाली ज्यादातर महिलाएं पूरे दिन बिना पानी की एक बूंद पिए ही रहती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को निर्जला ही रखते हैं इस दिन कुछ खाया पिया नहीं जाता। 

हरियाली तीज व्रत करने के पीछे कथा है कि मां पार्वती ने भगवान शिव से विवाह करने के लिए बहुत ही कठिन तपस्या की थी। इस तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने आज ही के दिन यानी श्रावण मास शुक्ल पक्ष की तीज को मां पार्वती के सामने प्रकट हुए और उनसे शादी करने का वरदान दिया था।

इस दिन महिलाएं मिट्टी या बालू से मां पार्वती और  शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करती हैं। पूजा के बाद मिट्टियों की इन मूर्तियों को नदी या किसी पवित्र जलाशय में प्रवाहित करने की मान्यता है। व्रत खोलने से पहले भगवान को खीर पूरी या हलुआ और मालपुए से भोग लगाना चाहिए। विवाहित महिलाएं इस दिन जब पूजा के लिए तैयार होती हैं तो सोलह श्रृंगार करती हैं। महिलाएं इस दिन खासतौर से अपने श्रृंगार में हरे रंग को शामिल करती हैं और महिलाएं हरी चूड़ियां पहनती हैं। 

Related News
1 of 1,062

सावन में हरे रंग को बहुत महत्व दिया जाता है क्योंकि प्रकृति का रंग हरा होता है। इस रंग को जीवन और खुशियों का प्रतीक माना जाता है। सुहागिन स्त्रियां हरे रंग की चूड़ियां अपने पति की खुशहाली, तरक्की, दीर्घायु और सेहतमंद जीवन के लिए पहनती है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में मौसम के प्रभाव के कारण मनुष्य पर काम भाव हावी रहता है। सावन के महीने में लगातार बारिश होने के कारण वातावरण में नमी आने से कई तरह की बीमारिया फैलने लगती हैं। हरे रंग को स्वास्थ्य वर्धक रंग माना गया है।

हरियाली तीज की तिथि और शुभ मुहूर्त 

हरियाली तीज की तिथि: 03 अगस्‍त 2019 

हरियाली तीज की तिथि आरंभ: 03 अगस्‍त 2019 की सुबह 07 बजकर 06 मिनट से 

हरियाली तीज की तिथि समाप्‍त: 04 अगस्‍त 2019 की सुबह 03 बजकर 36 मिनट तक

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...