UP के डेढ़ लाख शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खुशखबरी…

0 550

उत्तर प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षामित्रों (Shikshamitras) के लिए बड़ी खबर है. राज्य सरकार शिक्षामित्रों का पिछले दो महीने को भुगतान रोककर रखा है. ऊपर से अब धीरे धीरे जनवरी भी समाप्ति की ओर है.

ये भी पढ़ें..6 नशेड़ियों ने मासूम बच्ची से की दरिंदगी की हदें पार, नग्न अवस्था में खून से लथपथ मिली लाश

ऐसे में शिक्षा मित्रों (Shikshamitras) और उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है लेकिन, खुशखबरी की बात ये है कि इसी हफ्ते बकाये मानदेय का भुगतान हो सकता है. सूत्रों की माने तो हर हाल में इस हफ्ते शिक्षामित्रों के बकाया मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा.

शिक्षा मित्र

इसी हफ्ते होगा भुगतान

बता दें कि बजट का आवंटन न हो पाने के कारण शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं दिया जा सका है. अब बजट से संबंधित फाइल चल रही है और इसके जल्द ही जारी होने की संभावना बढ़ी है. उम्मीद की जा रही है कि इस हफ्ते के आखिर तक हर हाल में बजट जारी हो जायेगा और बकाये मानदेय का भुगतान बेसिक शिक्षा विभाग कर देगा.

गौरतलब है कि मानदेय न मिलने के कारण शिक्षामित्रों का नया साल सूखा-सूखा ही रहा. हालांकि शिक्षामित्रों के नेता अनिल यादव कई दिन पहले विभागीय अफसरों से मुलाकात करके भुगतान की मांग की थी लेकिन, अभी तक सिर्फ आश्वासन मिला है.

Related News
1 of 1,025

10 हजार रूपये प्रति माह मिलता है मानदेय

शिक्षा मित्र

गौरतलब है कि प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में तैनात डेढ़ लाख शिक्षा मित्रों (Shikshamitras) को 10 हजार रूपये प्रति माह के हिसाब से मानदेय दिया जाता है. इनके मानदेय में 60 फीसदी केन्द्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार का अंशदान होता है. इसी वजह से अक्सर बजट जारी होने में दिक्कत होती है और मानदेय का भुगतान लटक जाता है.

प्रदेश में दो तरह के शिक्षा मित्र प्राइमरी स्कूलों में तैनात हैं. 1 लाख 35 हजार सर्व शिक्षा अभियान के तहत जबकि लगभग 15 हजार बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत.

ये भी पढ़ें..सरकार का बड़ा फैसलाः पुलिस विभाग में सिपाही-दारोगा के पदों पर अब किन्नरों की होगी सीधी नियुक्ति

ये भी पढ़ें..शादी के बाद पंसद आ गई साली, पत्नी से बोला- ‘सेटिंग कराओ, और फिर..

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं…)

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...