‘लोहड़ी’ की अग्नि में क्यों डालते हैं तिल व मूंगफली, जानें दुल्ला भट्टी की पूरी कहानी

0 315

न्यूज डेस्क– भांगड़े के साथ डांस और आग सेंकते हुए खुशियां मनाने का पर्व है लोहड़ी। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल समेत पूरे देश में आज लोहड़ी की धूम है। इस त्योहार में मूंगफली, रेवड़ी और मूंगफली खाने का व लोगों को प्रसाद में देने की विशेष परंपरा है।

इससे पहले लोग शाम को सबसे पहले आग में रेवड़ी व मूंगफली डालते हैं। चूंकि लोहड़ी को किसानों का प्रमुख त्योहार माना जाता हे इस ऐसे में फसल मिलने के बाद मनाए जाने वाले पर्व में आग देवता को किसान प्रसन्न करने के लिए लोहड़ी जलाते हैं और उसकी परिक्रम करते हैं।

10

Related News
1 of 28

हिन्दू पौराणिक शास्त्रों में अग्नि को देवताओं का मुख माना गया है। ऐसे लोहड़ी मनाने वाले किसान मानते हैं कि अग्नि में समर्पित किया गया अन्न का भाग देवताओं तक पहुंचता है। ऐसा करके लोग सूर्य देव व अग्निदेव के प्रति अपनी कृतज्ञता अर्पित करते हैं।

लोहड़ी के दिन अलाव जलाकर उसके चारों तरफ डांस किया जाता है। लोहड़ी की अग्नि के आसपास इकट्ठे हुए लोगों को दुल्ला भट्टी की कहानी भी सुनाई जाती है।

दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाने के पीछे मान्यता है कि मुगल काल के दौरान अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नामक एक व्यक्ति पंजाब में रहता था। उस वक्त कुछ अमीर करोबारी चीजों को बेचने की जगह शहर की लड़कियों को बेच दिया करते थे। ऐसे में उन लड़कियों को दुल्ला भट्टी ने बचाया और उनकी शादी करवाई थी। जिसके बाद से हर वर्ष लोहड़ी के त्यौहार पर दुल्ला भट्टी को याद कर उनकी कहानी सुनाने की पंरापरा चली आ रही है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...