सीमांचल एक्सप्रेस हादसा: घायलों ने बयां की खौफनाक मंजर का दास्तां
न्यूज डेस्क — बिहार के वैशाली जिले में रेल की पटरी में आई दरार के कारण सीमांचल एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतर गए.इस हादसे में करीब 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 29 से अधिक घायल हो गए.
वहीं रेलवे और पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि 12487 जोगबनी-आनंद बिहार सीमांचल एक्सप्रेस दिल्ली आ रही थी. किशनगंज जिले के जोगबनी से यह एक्सप्रेस रवाना हुई और तड़के करीब चार बजे वैशाली जिले के सहदेई बुजुर्ग रेलवे स्टेशन के पास उसके 11 डिब्बे पटरी से उतर गए.
वहीं, मामले के प्रत्यक्षदर्शियों ने हादसे का खौफनाक मंजर भी बयां किया. आंखों देखा हाल बताते हुए इमरती देवी ने बताया कि ‘मैंने ऊपरी बर्थ पर सोने जाने से पहले बीच के बर्थ पर अपनी सास के लिए बिस्तर तैयार किया. हम मन ही मन सोच रहे थे कि हमे आगे की लंबी यात्रा करनी हैं. ट्रेन से 24 घंटे में ही आनंद विहार टर्मिनल पहुंच जाएंगे. इसलिए हम जल्दी ही सोने चले गए.’
उन्होंने कहा ‘अचानक मैंने पाया कि मैं एक कठिन सतह से टकरा गई हूं, मेरे कान अभी भी एक विस्फोट जैसी आवाज से बज रहे थे.’ उन्होंने एक सिरहन के साथ याद करते हुए कहा कि कुछ पलों में ही पता चल गया था कि वह डिब्बे के फर्श पर गिर गई हैं.
उन्होंने बताया कि इसके बाद कुछ लोगों ने खिड़की के शीशे खोल दिए और उससे बाहर निकल गए. ‘बाहर निकले लोगों में से एक ने अपना हाथ अंदर बढ़ाया और मुझे कंपार्टमेंट से बाहर निकलने के लिए कहा. मैंने देखा कि कोच झुका हुआ था. बाहर निकलने के बाद मुझे डर था कि दुर्घटना में कहीं मेरी सास की मौत न हो गई.’ उन्होंने बताया ‘लगभग आधे घंटे के बाद कुछ सक्षम बचाव दल के जरिए मेरी सास को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया.’
वहीं, वैशाली जिले के सहदेई बुजुर्ग ब्लॉक के निवासी बासवन सिंह ने कहा कि शुरू में ऐसा लगा जैसे कोई बम विस्फोट हो गया हो. उन्होंने कहा ‘हम सो रहे थे. शुरू में लगा कि पास में एक बम विस्फोट हुआ है. मैं कुछ पड़ोसियों के साथ हाथों में लाठियां लेकर देखने निकल गया. ‘पटरियां कुछ गज की दूरी पर थीं और हम समझ सकते थे कि एक ट्रेन फंसी हुई थी, लेकिन अंधेरे के कारण हम ठीक से नहीं समझ पाए कि आखिर हुआ क्या है. बाद में मामला साफ हो गया.’