न्यूज डेस्क– प्रधानमंत्री ने 5 अप्रैल को सभी भारतवासियों से कोरोना के संकट को अंधकार से चुनौती देने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 5 अप्रैल को घरों के बाहर दीया/मोमबत्ती जलाने की अपील के बाद प्रसार भारती ने लोगों को सलाह दी कि वे दीया या मोमबत्ती जलाते समय अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र (sanitizer) का उपयोग न करें।
यह भी पढ़ें-216 Tabligi जमातियों के फोन चिन्हित, स्वास्थ्य कर्मियों को मिल रही धमकियां
प्रसार भारती के मुताबिक, अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र (sanitizer) ज्वलनशील होता है। हालांकि, पीएम ने कहा है कि लोग मोबाइल की फ्लैशलाइट भी जला सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस से बचाव के तौर पर हैंड सेनेटाइजर (sanitizer) का इस्तेमाल सावधानी से करना जरूरी है। इसमें 75 फीसदी तक अल्कोहल होता है जो एक ज्वलनशील पदार्थ है।
जानिए वो बातें जो सेनेटाइजर (sanitizer) का इस्तेमाल करते वक्त ध्यान रखनी जरूरी हैं-
1) रसोई, लाइटर और माचिस से दूर रखें-
अगर हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल किया है तो कुछ देर के लिए रसोई गैस, लाइटर, माचिस या ऐसी जगहों से दूर रहें जहां आग है। अल्कोहल में 75 फीसदी तक अल्कोहल होता है, यह ज्वलनशील होने के कारण आग तेजी से पकड़ता है। हाथों में इसका जरूरतभर ही इस्तेमाल करें और सूखने के बाद ही कोई काम करें।
एक्सपर्ट के मुताबिक, सेनेटाइजर की कुछ बूंदें ही बच्चों के लिए खतरानाक साबित हो सकती हैं। मुंह में सेनेटाइजर जाने पर सिरदर्द, बोलने में समस्या, सिर चकराना जैसी समस्या हो सकती है। मात्रा अधिक होने पर ब्रेड डैमेज की स्थिति भी बन सकती है।
2) सेनेटाइजर नहीं तो साबुन सही-
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और प्रिवेंशन के मुताबिक, वायरस से बचाव के लिए ऐसा सेनेटाइजर जरूरी है जिसमें कम से कम 60 फीसदी अल्कोहल हो। लेकिन हर बार सेनेटाइजर से ही हाथ साफ किए जाएं ये जरूरी नहीं। साबुन से 20 सेकंड का हाथ धोकर भी कोरोनावायरस से बचाव कर सकते हैं। दुनियाभर के एक्सपर्ट ने यह सलाह भी दी है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च बताती है कि सैनिटाइजर कोरोनावायरस से लड़ने में साबुन जितना कारगर नहीं है। कोरोनावायरस से लड़ने के लिए वही सेनेटाइजर असरदार होगा जिसमें अल्कोहल की मात्रा कम से कम 60 फीसदी होगी।