यहां धड़ल्ले से चल रहे ओवरलोड वाहन
औरैया– जिले में ओवरलोड वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से चल रहा है। इस ओर न तो परिवहन विभाग का ध्यान है और न ही पुलिस का इन वाहनों के परिचालन से एक तो हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है दूसरी ओर सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। साथ ही ओवरलोड वाहनों के चलने से सड़कें भी जर्जर हो रही है।
सच बात तो ये है कि ओवरलोडेड वाहनों की जांच पड़ताल करने की कोई व्यवस्था ही नहीं है। ऐसे में कैसे पता चलेगा कि वाहन ओवरलोड है या नही। और यही नहीं जांच पड़ताल नहीं किये जाने की वजह से ही ओवरलोड वाहनों की संख्या में भी इजाफा होता जा रहा है।
आइये जानते है ट्रक मालिक ओवरलोड माल क्यों लेकर चलते है?
ट्रकों पर क्षमता से अधिक सामान लोड किया जाता है जिससे भाड़े की भी बचत होती है और दो ट्रकों का माल एक ही ट्रक में पहुंचाया जाता है, ओवर लोडेड वाहनों का सबसे अधिक परिचालन बुन्देलखण्ड के जालौन, झाँसी जिलो से आने वाले ट्रकों में होता है। इनमें ट्रकों पर क्षमता से अधिक मौरंग, गिट्टी को लोड कर औरैया, कन्नौज, फरुखाबाद, सहित कई अन्य जिलों में ले जाया जाता है। वो भी बिना किसी बाधा के।
ओवर लोडेड वाहनों का परिचालन वैसे तो पूरे दिन होता है। लेकिन शाम आठ बजे के बाद इसमें बढ़ोतरी हो जाती है। ओवर लोडेड वाहनों का काफिला एक साथ रैला की तरह चलता है। इन वाहनों का जब काफिला गुजरता है तो लोग सड़क से दूर हटने को मजबूर हो जाते हैं। क्योकि एक तो रफ्तार अधिक होती है और दूसरा ओवरलोड होने के कारण हमेशा पलटने का खतरा बना रहता है। जिससे राहगीरो व छोटी गाड़ी वालो को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बुंदेलखंड से आने वाले मौरंग, गिट्टी से भरे ओवर लोडेड ट्रक औरैया जनपद के कई थानों से गुजर कर कन्नौज, फरुखाबाद सहित कई पड़ोसी जिलो में पहुंचता है। लेकिन कही भी जांच पड़ताल नहीं होती है। सबसे पहले औरैया कोतवाली थाना, इसके बाद फफूंद व अछल्दा थाना से गुजरते हुए औरैया के पड़ोसी जिलो में ओवर लोडेड ट्रक पहुँचते हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा कही कोई जांच पड़ताल करने की जहमत नहीं उठायी जाती है। परिणाम स्वरूप ऐसे वाहनों का परिचालन दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। इससे औरैया- कन्नौज सड़क पर चलने वाले छोटे वाहन चालक व आम लोग हमेशा दहशत में जीने को विवश हो रहे हैं।
जबकि औरैया-कन्नौज मार्ग अत्यधिक यातायात वाला मार्ग है जिस पर रात-दिन छोटे-बड़े वाहन गुजरते रहते है। कई स्कूल, प्रशासनिक पदाधिकारियों का कार्यालय, कोर्ट कचहरी आदि होने के बावजूद बड़े ओवर लोडेड वाहनों का परिचालन होता है जो बड़े हादसे को आमंत्रित कर रहा है।
वही इस संबंध में जब हमने एआरटीओ मनोज कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि समय-समय पर ओवर लोडेड वाहनों के विरुद्ध अभियान चलाकर धर पकड़ की जाती है। और इस मार्ग पर ओवर लोडिंग के विरुद्ध अभियान चलाया जायेगा।
(रिपोर्ट- वरुण गुप्ता, औरैया)