भारतीय कला को दुनिया के आगे रखेगा RSS का यह आयोजन !

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नई दिल्ली — भारतीय कला परंपरा को दुनिया के सामने रखने के लिए अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होने जा रहा है। इसकी शुरूआत अगले महीने उत्तर प्रदेश से होगी। यह आयोजन सीधे तौर पर तो संघ का नहीं है लेकिन इसमें संघ से जुड़े नेता से लेकर कलाकार तक सभी शामिल हैं। आयोजन को ‘संस्कृति नैमिषेय’ नाम दिया गया है।

इसके तहत यूपी के सीतापुर के नैमिषारण्य में 7-8 दिसंबर को अखिल भारतीय ज्ञान सत्र आयोजित होना है। 

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सूत्रों के मुताबिक इसके लिए एक साल से भी ज्यादा वक्त से तैयारी चल रही है। सबसे पहले 27 मई 2016 को संघ नेता भैयाजी जोशी को नासिक में संघ के संगठन संस्कार भारती के अध्यक्ष और कलाकार वासुदेव कामत ने कुछ कलाकारों के साथ मिलकर संस्कृति नैमिषेय का प्रजेंटेशन दिया। उसके बाद संघ नेता कृष्ण गोपाल, सुरेश सोनी, बीजेपी चीफ अमित शाह, संगठन मंत्री रामलाल, मोदी सरकार में मंत्री महेश शर्मा, सुष्मा स्वराज, स्मृति इरानी के साथ ही अनुपम खेर, परेश रावल, पंडित जसराज और लता मंगेशकर को भी आयोजन के बारे में प्रजेंटेंशन दिया। 

सूत्रों के मुताबिक लता मंगेशकर ने संस्कृति नैमिषेय के मुख्य मार्गदर्शन के लिए अपनी सहमति भी दी है। पिछले साल नवंबर में संघ प्रमुख मोहन भागवत को भी इसका प्रजेंटेशन दिया गया। जिसके बाद इसी साल जून में बीजेपी शासित 11 राज्यों के संस्कृति मंत्री, केंद्रीय संस्कृति मंत्री, संघ के सह सरकार्यवाह और कला जगत के लोगों के साथ हुई मीटिंग में इसका स्वरूप फाइनल किया गया। 

नैमिषारण्य में अलग अलग राज्यों से आए कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। संघ के एक नेता के मुताबिक नैमिषारण्य को इसलिए चुना गया है क्योंकि इसी जगह हजारों साल पहले 18 पुराण विकिसत हुए थे। यहां पर 88 हजार ऋषि अलग अलग जगह से आते थे और उनकी महासंगोष्ठी होती थी। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद जनवरी में मकर संक्रांति के दिन काशी से नैमिषेय प्रदक्षिणा (परिक्रमा) शुरू करने की योजना है। 

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