रणजी ट्रॉफीः 9 बार चैंपियंस टीम का हिस्सा बने वसीम जाफर

0 20

स्पोर्ट्स डेस्क — विदर्भ टीम को चैंपियनस बनाने वालों में तीन अनुभवी पेशेवर खिलाड़ियों में से एक जाफर ने अहम भूमिका निभाई जो उनका नौवां रणजी खिताब है।

मुंबई का प्रतिनिधित्व करते हुए जाफर ने जो अपार अनुभव हासिल किया उसका विदर्भ को काफी फायदा मिला और उन्होंने लगभग 600 रन बनाने के अलावा युवा खिलाड़ियों के लिए मेंटर की भूमिका भी निभाई ।और एक ही ओवर में चार चौके जड़कर सोमवार को बल्लेबाज वसीम जाफर ने पहली बार विदर्भ टीम को रणजी ट्रॉफी दिलाई। 

Related News
1 of 59

बता दें कि विदर्भ की टीम पहली बार फाइनल खेल रही थी और दिल्ली को हराकर वह चैंपियन बनी। लेकिन इस टीम में एक ऐसा खिलाड़ी भी है जो पहले भी कई बार फाइनल जीतकर अपनी टीम को खिताब दिला चुका है। 39 साल के वसीम जाफर अब तक 19 रणजी सीजन खेल चुके हैं। विदर्भ से पहले वो मुंबई के लिए कप्तानी कर चुके हैं। 19 बार में से 9 बार अपनी टीम के लिए रणजी फाइनल खेल चुके हैं और हर बार वह इस खिताब को जीतने में कामयाब भी रहे हैं। इस बार भी जब विदर्भ की टीम छोटे से लक्ष्या का पीछा करने उतरी तो कप्तान फैज फैजल 9 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन वसीम जाफर और संजय रामास्वामी ने विदर्भ को जीत तक पहुंचा दिया।

जाफर ने पहली पारी में शानदार 78 रन बनाए थे तो वहीं दूसरी पारी में वह नाबाद 17 रन बनाए। जिस दौरान उन्होंने एक ही ओवर में चार चौके भी जड़े। बता दें कि जाफर ने घरेलू टूर्नामेंट में 138 मैच खेले और 56.81 की औसत से 10,738 रन बनाए। जिस दौरान उन्होंने 36 शतक और 44 अर्धशतक भी बनाया।

इसके साथ ही वह रणजी में सबसे ज्याजा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन गए। वसीम जाफर ने पहला फाइनल 1996-97 सीजन में खेला था। मुंबई के लिए 18 साल खेलने के बाद उन्होंने 2015-16 में विदर्भ की तरफ से खेलना शुरू किया। वहीं विदर्भ ने रणजी में पहली बार 1957-58 में खेलना शुरू किया था। जिसके 61 साल बाद पहला मौका था जब वह फाइनल में पहुंचकर चैंपियन बनने में कामयाब रही।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...