अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से देश में बढ़ेगा सद्भावः मोहन भागवत 

0 16

न्यूज डेस्क — आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि भारत को इतना शक्तिशाली बनने की जरूरत है कि कोई भी देश हमसे लड़ने की हिम्मत न करे।

हालांकि, उन्होंने कहा कि युद्ध की स्थिति में दोनों पक्षों को नुक्सान उठाना पड़ता है। अपने वार्षिक विजयादशमी भाषण में संघ प्रमुख ने राम मंदि, राफेल मुद्दा और सबरीमाला मंदिर विवाद पर अपनी राय रखी। 

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनना चाहिए। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर उनकी चुनी हुई सरकार होने के बावजूद राम मंदिर का निर्माण क्यों नहीं हो रहा है? उन्होंने कहा कि मंदिर अब तक बन जाना चाहिए था लेकिन राजनीतिक पार्टियां इस पर राजनीति कर रही हैं। उन्होंन का अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के देश में सद्भाव बढ़ेगा।

Related News
1 of 1,066

संघ प्रमुख ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एससी और एसटी सब प्लान के लिए आवंटित धन खर्च नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ‘यदि मदद समय पर नहीं पहुंचती तो इसे मदद के रूप में नहीं देखा जा सकता। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की योजनाओं को लागू नहीं किया गया। इन योजनाओं के लिए धन क्यों नहीं खर्च हुआ?’

वहीं राफेल सौदे पर जारी विवाद का हवाला देते हुए भागवत ने कहा कि विदेशी देशों के साथ इस तरह के करार होते रहने चाहिए लेकिन रक्षा के क्षेत्र में भारत को आत्म-निर्भर बनने के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें अपनी सुरक्षा के लिए जिन चीजों की जरूरत है, हमें उनका उत्पादन करना चाहिए।’

सबरीमाला मंदिर विवाद पर संघ प्रमुख ने कहा कि महिला और पुरुष समान माने गए हैं। उन्होंने कहा, ‘इस मसले पर हमें आपसी सहमति बनानी चाहिए थी। भक्तों से विचार-विमर्श किया जाना चाहिए था।’

उन्होंने कहा, ‘शबरीमल्ला देवस्थान के सम्बंध में सैकड़ों वर्षों की परम्परा, जिसकी समाज में स्वीकार्यता है, उसके स्वरूप व कारणों के मूल का विचार नहीं किया गया। धार्मिक परम्पराओं के प्रमुखों का पक्ष, करोड़ों भक्तों की श्रद्धा, महिलाओं का बड़ा वर्ग इन नियमों को मानता है, उनकी बात नहीं सुनी गई।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...