अयोध्या में बने राम मंदिर और लखनऊ में ‘मस्जिद’: शिया वक्फ बोर्ड

0 23

लखनऊ — राम मंदिर पर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि, विभिन्न पार्टियों के साथ चर्चा के बाद हमने एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और मस्जिद का निर्माण लखनऊ में करवाया जा सकने की बात कही गई है.

उन्होंने आगे कहा कि यह एक ऐसा समाधान है जो देश में शांति और भाईचारे को सुनिश्चित करेगा. उन्होंने आगे कहा कि लखनऊ के हुसैनाबाद में मस्जिद का निर्माण करवाने का प्रस्ताव है. मस्जिद को बाबार और मीर बाकी के नाम पर नहीं बनाया जाएगा. मस्जिद का नाम मस्जिदे अमन रखा जाएगा.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले अखिल भारतीय अखाड़ा की ओर से शिया वक्फ बोर्ड के साथ राम मंदिर मुद्दे को लेकर सुलह हो जाने का दावा किया गया था. इसी बैठक के बाद शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने ये बयान दिया था कि अयोध्या या फैजाबाद में किसी नई मस्जिद का निर्माण नहीं होगा. किसी मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र में मस्जिद के लिए जगह चिह्नित कर शिया वक्फ बोर्ड सरकार को अवगत कराएगा.

Related News
1 of 1,065

इस मुद्दे पर रिजवी ने कहा कि अयोध्या मे अब मस्जिद बनाने का कोई मतलब नहीं है. सिर्फ टशन में मस्जिद का निर्माण नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसकी बजाए लखनऊ मे मस्जिद-ए-अमन का निर्माण हो.इस दौरान वसीम रिजवी और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि ने मसौदा मीडिया के सामने जारी किया.

रिजवी ने बताया कि ये मसौदा 5 बिंदुओं पर है. इसमें मंदिर की जगह से शिया वक्फ़ बोर्ड दावा नहीं करेगा. अब ये ज़मीन मंदिर निर्माण पक्ष की होगी. सुप्रीम कोर्ट में 18 नवम्बर को मसौदा पेश किया जा चुका है.बता दें कि उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड और राम मंदिर निर्माण पक्ष के बीच जो आपसी समझौते को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है. इसमें कहा गया है कि मीर बाकी बाबर के सेनापति और शिया मुसलमान थे .

गौरतलब है कि अयोध्या विवाद में मध्यस्थ के लिए आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली से लखनऊ के ऐशबाग ईदगाह में 17 नवंबर को मुलाकात की थी. इस मौके पर श्री श्री रविशंकर ने कहा, ‘बातचीत के जरिए हम हर समस्या हल कर सकते हैं.

अदालत का सम्मान है लेकिन अदालत दिलों को नहीं जोड़ सकती…अगर हमारे दिल से एक फैसला निकले तो उसकी मान्यता सदियों तक चले. श्री श्री ने कहा कि समय दीजिए. बहुत जल्दबाजी मत करिए. हम सबसे बात करेंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि जब धार्मिक लोग एकत्र होंगे तो सबसे बात होगी.’’ फरंगीमहली ने कहा कि अगर दोनों ओर के नेता हर स्तर पर नियमित रूप से बैठकर बात करें तो मतभेद दूर हो जाएंगे.

 

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...