कोरोना को लेकर देश में चल रहा लॉकडाउन (lockdown) 17 तारीख को समाप्त हो रहा है। वहीं लगातार बढ़ते संक्रमण के मामले को देखते हुए पीएम मोदी ने लॉकडाउन बढ़ाने के भी संकेत दे दिए है।
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इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में सुखदेव विहार के पास प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने वीडियो लिंक के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने सरकार के 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज, कोरोना के दौरान मजदूरों की समस्या और देश के आर्थिक हालात पर बातचीत की।
सरकार समझदारी से उठाए कदम…
उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक तूफान अभी आया नहीं है, आने वाला है। बहुत जबर्दस्त नुकसान होने वाला है। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी सुने। हम यानी विपक्ष थोड़ा दबाव डाले और अच्छी तरह से समझाए तो सरकार सुन भी लेगी।
राहुल गांधी ने कहा लॉकडाउन (lockdown) पर केंद्र सरकार को समझदारी से कदम उठाना चाहिए। अभी लॉकडाउन खोलने की बात हो रही है, बिना सोचे-समझे ऐसा किया तो नुकसान होगा। खोलना है तो लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए फैसला करना चाहिए।
राहत पैकेज पर विचार करे सरकार
राहुल गांधी ने राहत पैकेज कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश करूंगा कि वे इस पैकेज के बारे में दोबारा सोचें। उन्हें डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर पर सोचना चाहिए। मनरेगा के तहत 200 दिन का रोजगार दिया जाए। किसानों को पैसा सीधे ट्रांसफर किया जाए। उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि रेटिंग्स की वजह से सरकार पैसा नहीं दे रही। कहा जा रहा है कि अगर वित्तीय घाटा बढ़ता है तो विदेशी एजेंसियां भारत की रेटिंग्स कम कर देंगी।
बता दें कि राहुल गांधी मोदी सरकार को घेरने के लिए लगातार कोशिशें करते रहते हैं। लॉकडाउन (lockdown) के दौरान ही राहुल गांधी ने सरकार के कई फैसलों पर सवाल उठाए। प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर वह खासतौर से सरकार पर हमलावर हैं।
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