कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे राहुल गांधी !
इस बार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव बहुत ही रोमांचक दौर में जा रहा है।एक ओर जहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी का फिर से अध्यक्ष बनाए जाने की मांग जोर-शोर से उठ रही है। तो वहीं खबर आ रही है कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेगे। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से इस खबर की पुष्टि की है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, राहुल भारत जोड़ो यात्रा के बीच से वापस नहीं लौटेंगे। फिलहाल पदयात्रा केरल में है।
भारत जोड़ो यात्रा से नहीं लौटेंगे वापस, नमांकन 30 को
कांग्रेस सूत्रों की माने तो सांसद राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि वह भारत जोड़ो यात्रा के बीच से दिल्ली नहीं लौटेंगे। राहुल गांधी की यात्रा मौजूदा वक्त में केरल में है और 29 सितंबर को कर्नाटक में प्रवेश करेगी। नामांकन की अंतिम तिथि 30 सितंबर है। ऐसे में उन खबरों पर विराम लग गया, जिसमें दावा किया जा रहा था कि राहुल गांधी ही अगले पार्टी के अध्यक्ष होंगे। इससे पहले झारखंड कांग्रेस ने राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। गुजरात, राजस्थान समेत कई राज्यों की कांग्रेस इकाइ ने राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने को लेकर प्रस्ताव पहले ही पास कर दिया था।
Congress MP Rahul Gandhi unlikely to contest party's presidential polls as he will not return from amidst Bharat Jodo Yatra to Delhi: Congress sources
Presently, the yatra is in Kerala & will enter Karnataka on Sept 29. The last date for nomination is Sept 30
(File Pic) pic.twitter.com/CRL0k8XVGz
— ANI (@ANI) September 20, 2022
राहुल नहीं तो अगला अध्यक्ष कौन
अगर राहुल गांधी वाकई अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ते हैं तो फिर कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा। इस बारे में हर्षवर्धन त्रिपाठी कहते हैं कि कांग्रेस से अब दो नाम सामने आ रहे हैं। एक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का और दूसरा केरल से कांग्रेस के लोकसभा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर का। मगर इनमें अशोक गहलोत का पलड़ा भारी रहेगा। पूरी संभावना है कि गहलोत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएं। क्योंकि वह राहुल और सोनिया गांधी के भी बेहद करीबी हैं और पार्टी लाइन पर चलने वाले व्यक्ति हैं। उनके पास सरकार और संगठन दोनों का अनुभव है। कांग्रेस के जमीनी नेता हैं।
मोदी और शाह के प्रति उनका रुख हमेशा गांधी परिवार के रुख के अनुसार हमलावर रहा है। जबकि थरूर कई बार मोदी और शाह की तारीफ कर चुके हैं। थरूर देश-विदेश से पढ़े-लिखे और विदेशी मामलों के अच्छे जानकार हैं। मगर वह जमीनी नेता नहीं हैं। वह एलीट क्लास से आते हैं। इसलिए उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना मुश्किल है। त्रिपाठी के अनुसार शशि थरूर सोनिया और राहुल गांधी के करीबी भी नहीं हैं। इसलिए उनका अध्यक्ष बनने का कोई चांस नहीं दिख रहा।
ये भी पढ़ें..शिक्षक ने साथियों के साथ मिलकर नाबालिग छात्रा के साथ किया दुष्कर्म, दी जान से मारने की धमकी
ये भी पढ़ें..लखनऊ के लूलू मॉल में नमाज पढ़ने का Video वायरल, हिंदू संगठन ने दी धमकी
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं…)