‘सवाल अभियान’ जारी ,राहुल ने मोदी से पूछा ‘नौवां सवाल’
न्यूज़ डेस्क– कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने सवाल अभियान को आगे बढ़ाते हुए आज कृषि क्षेत्र एवं किसानों की समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। अपनी सवाल श्रृंखला के तहत नौवां सवाल करते हुए उन्होंने पूछा, प्रधानमंत्री जी नौवां सवाल : न की कर्ज़ माफ़ी, न दिया फसल का सही दाम, मिली नहीं फसल बीमा राशि, न हुआ ट्यूबवेल का इंतजाम।
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री पर तंज करते हुए गब्बर शब्द का भी इस्तेमाल किया। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया, खेती पर गब्बर सिंह की मार, छीनी जमीन, अन्नदाता को किया बेकार । पीएम साहब बतायें, खेतिहरों के साथ क्यों इतना सौतेला व्यवहार। बता दे सरकार पर लगातार हमलों के तहत कांग्रेस नेता 22 साल का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब टैगलाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं। गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए नौ दिसंबर और 14 दिसंबर को मतदान होगा। गुजरात में भाजपा के प्रदर्शन और राज्य में 22 साल के अपने शासन के दौरान वादों को पूरा नहीं करने के मुद्दे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर हर दिन प्रधानमंत्री से एक सवाल करते हैं।
ये हैं राहुल गांधी के पहले के 8 सवाल—
1. 2012 में वादा किया कि 50 लाख नए घर देंगे। 5 साल में बनाए 4.72 लाख घर। प्रधानमंत्री जी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे?
2. 1995 में गुजरात पर कर्ज- 9,183 करोड़। 2017 में गुजरात पर कर्ज- 2,41,000 करोड़। यानी हर गुजराती पर 37,000 कर्ज। आपके वित्तीय कुप्रबन्धन व पब्लिसिटी की सजा गुजरात की जनता क्यों चुकाए?
3. 2002-16 के बीच 62,549 Cr की बिजली खरीद कर 4 निजी कंपनियों की जेब क्यों भरी? सरकारी बिजली कारख़ानों की क्षमता 62% घटाई पर निजी कम्पनी से 3/ यूनिट की बिजली 24 तक क्यों ख़रीदी?
4. सरकारी स्कूल-कॉलेज की कीमत पर किया शिक्षा का व्यापार महँगी फीस से पड़ी हर छात्र पर मार, New India का सपना कैसे होगा साकार? सरकारी शिक्षा पर खर्च में गुजरात देश में 26वें स्थान पर क्यों? युवाओं ने क्या गलती की है?
5. न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण, महिलाओं को मिला तो सिर्फ शोषण, आंगनवाड़ी वर्कर और आशा, सबको दी बस निराशा। गुजरात की बहनों से किया सिर्फ वादा, पूरा करने का कभी नहीं था इरादा।
6.भाजपा की दोहरी मार एक तरफ युवा बेरोजगार दूसरी तरफ़ लाखों फिक्स पगार और कांट्रैक्ट कर्मचारी बेज़ार 7वें वेतन आयोग में 18000 मासिक होने के बावजूद फिक्स और कांट्रैक्ट पगार 5500 और 10000 क्यों?
7. जुमलों की बेवफाई मार गई, नोटबंदी की लुटाई मार गई ,GST सारी कमाई मार गई ,बाकी कुछ बचा तो – महंगाई मार गई, बढ़ते दामों से जीना दुश्वार ,बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार?
8.39% बच्चे कुपोषण से बेज़ार. हर 1000 में 33 नवजात मौत के शिकार. चिकित्सा के बढ़ते हुए भाव. डाक्टरों का घोर अभाव. भुज में ‘मित्र’ को 99 साल के लिए दिया सरकारी अस्पताल क्या यही है आपके स्वास्थ्य प्रबंध का कमाल?