लखनऊ में चल रहा था करोड़ो की ठगी का गोरखधंधा,ज़िम्मेदार विभाग को भनक तक नहीं लगी
लखनऊ — राजधानी लखनऊ में जहाँ एक तरह योगी सरकार भूमाफियाओं और बिल्डरों के ख़िलाफ़ कड़ा रुख अपनाए हुए है और लगातार उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाई करने का दावा कर रही है वहीं उसके उलट तमाम सरकारी महकमे और भ्रष्ट अधिकारी योगी सरकार की इस मुहिम को पतीला लगाने में लगे हैं ।
ताज़ा मामला राजधानी लखनऊ का है जहाँ लोगों को सस्ती दरों और ईएमआई द्वारा प्लॉट का लालच देकर आर संस के मालिक और एमडी आशीष श्रीवास्तव और उनके सहयोगी अंकुर श्रीवास्तव ने लगभग 500 करोड़ रुपये ठग लिए और फरार हो गए । राजधानी में इन शातिर ठगों ने गोसाईंगंज , रहमतनगर में प्रखर सिटी एक , प्रखर सिटी दो और जीवनदीप नाम की हाऊसिंग सोसायटी बिना रेरा की मंजूरी और एलडीए में नक्शा पास कराए लगभग 5000 लोगों को फ़र्ज़ी प्लॉट बेच डाले , आश्चर्य की बात तो ये है कि राजधानी में इतनी बड़ी ठगी होती रही और किसी भी ज़िम्मेदार विभाग ने इस जालसाजी को रोकने की ज़हमत तक नहीं उठाई ।
सितम्बर में जब तक लोगों को अपने ठगे जाने का अहसास हुआ तब तक मास्टरमाइंड और उसके सहयोगी गोमतीनगर स्थित अपने कार्यालयों पर ताला लगाकर फरार हो चुके थे ।
वहीं इस पर पीडितो का कहना है कि उन्होंने सितम्बर में ही इसकी पहली एफआईआर गोमतीनगर थाने में कर दी थी लेकिन पुलिस ने कभी भी आरोपी को पकड़ने का प्रयास ही नहीं किया । मंगलवार 21 मई को जब आरोपी गोमतीनगर में बड़े मंगल का भंडारा कर रहा था तो कुछ पीड़ितों ने उसे मौके पर देख लिया और अन्य लोगों को खबर की ।
जहाँ पीड़ितों ने उसे स्वयं पकड़ा और पुलिस के हवाले किया । पुलिस के द्वारा बरती गई शिथिलता से भी पीड़ित काफी दुःखी नज़र आये ।इस दौरान गोमती नगर पुलिस इसे अपना गुड वर्क बताकर अपनी वाहवाही बटोरने में लगी रही और आरोपी ठग को पकड़ने का श्रेय खुद को देने में लगी रही ।
(रिपोेर्ट-अंशुमान दुबे,लखनऊ)